Monday, February 2, 2009
"ये ही इश्क है"
तनहाइयों में ही इश्क है,
एक बात को सबसे छुपाना इश्क है,
यूं तो नींद नहीं आती हमें रातभर,
मगर सोते-सोते जगना इश्क है।
2 comments:
दिगम्बर नासवा
February 2, 2009 at 2:55 PM
क्या कहने जनाब............
इश्क के ये भी पहलू हैं............
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Dr.Bhawna Kunwar
February 11, 2009 at 2:56 PM
सुंदर...
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क्या कहने जनाब............
ReplyDeleteइश्क के ये भी पहलू हैं............
सुंदर...
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