Thursday, March 5, 2009

"तुम बिन जीना ऐसा है"


तुम बिन जीना ऐसा है,
जहर को पीने जैसा है,

तुम से बिछड़कर जिंदा रहना,
हम से पूछो कैसा है,


मेरा तुम को तकते रहना,
चांद को तकने जैसा है,

तेरा हंसकर बातें करना,
खिलते फूलों जैसा है,

बादल तेरे प्यार का हमदम,
आज तो खुल के बरसा है,

चांद की नजरें झुक जाती हैं,
यार मेरा तो कुछ ऐसा है...

3 comments:

  1. भाई वाह..........लाजवाब, खूबसूरत, हमारा महबूब भी ऐसा ही है

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  2. wah wah kya baat h....ummeed h...har kisi ka HUMDUM aapki tarah hi ho...

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