
कलम उठाऊं तो तुम्हारे लिए लिखूं,
वरना कलम की जरूरत मुझे नहीं,
लब हिलाऊं तो तम्हें पुकारू,
वरना लफ्जों की जरूरत मुझे नहीं,
ये दुनिया एक सूनसान बाग है,
जिसमें मैं गुमशुदा पंछी हूं,
मैं चाहता हूं उडूं तो तुम्हारी बाहों में गिरू,
वरना पैरो की जरूरत मुझे नहीं,
जब भी तुम्हारे बारें में सोचता हूं,
तो नयन बरस पड़ते हैं,
मेरी ख्वाईश है आंखें नम हो तो सिर्फ तुम्हारे लिए,
वरना आंसूओं की जरूरत मुझे नहीं,
सच्चाई ये है कि तुम मेरे साथ हो तो सब कुछ है पास मेरे,
वरना कलम की जरूरत मुझे नहीं,
लब हिलाऊं तो तम्हें पुकारू,
वरना लफ्जों की जरूरत मुझे नहीं,
ये दुनिया एक सूनसान बाग है,
जिसमें मैं गुमशुदा पंछी हूं,
मैं चाहता हूं उडूं तो तुम्हारी बाहों में गिरू,
वरना पैरो की जरूरत मुझे नहीं,
जब भी तुम्हारे बारें में सोचता हूं,
तो नयन बरस पड़ते हैं,
मेरी ख्वाईश है आंखें नम हो तो सिर्फ तुम्हारे लिए,
वरना आंसूओं की जरूरत मुझे नहीं,
सच्चाई ये है कि तुम मेरे साथ हो तो सब कुछ है पास मेरे,
वरना किसी और की जरूरत मुझे नहीं...।
bahut sunder bhav
ReplyDeleteदिल को सामने रख दिया आपने
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