
कुछ इस तरह तेरी पलके मेरी पलकों से मिला दे,
आंसू तेरे सारे मेरी पलकों पे सजा दे,
तु हर घड़ी हर वक्त मेरे साथ रहा है,
हां ये जिस्म कभी दूर कभी पास रहा है,
जो भी गम हैं ये तेरे उन्हें तु मेरा पता दे,
कुछ इस तरह तेरी पलके मेरी पलकों से मिला दे,
आंसू तेरे सारे मेरी पलकों पे सजा दे,
मुझको तो तेरे चेहरे पे ये गम नहीं जचता,
जायज नहीं लगता मुझे गम से तेरा रिश्ता,
सुन मेरी गुजारिश इसे चेहरे से हटा दे,
कुछ इस तरह तेरी पलके मेरी पलकों से मिला दे,
आंसू तेरे सारे मेरी पलकों पे सजा दे,
तु हर घड़ी हर वक्त मेरे साथ रहा है,
हां ये जिस्म कभी दूर कभी पास रहा है,
जो भी गम हैं ये तेरे उन्हें तु मेरा पता दे,
कुछ इस तरह तेरी पलके मेरी पलकों से मिला दे,
आंसू तेरे सारे मेरी पलकों पे सजा दे,
मुझको तो तेरे चेहरे पे ये गम नहीं जचता,
जायज नहीं लगता मुझे गम से तेरा रिश्ता,
सुन मेरी गुजारिश इसे चेहरे से हटा दे,
कुछ इस तरह तेरी पलके मेरी पलकों से मिला दे,
आंसू तेरे सारे मेरी पलकों पे सजा दे...।
मुझको तो तेरे चेहरे पे ये गम नहीं जचता,
ReplyDeleteजायज नहीं लगता मुझे गम से तेरा रिश्ता,
उल्लेखनीय पंक्तियां । धन्यवाद ।
sundar, mohak
ReplyDeletebahut sunder bhav
ReplyDeleteकुछ इस तरह तेरी पलके मेरी पलकों से मिला दे,
ReplyDeleteआंसू तेरे सारे मेरी पलकों पे सजा दे,
सुन्दर गीत की भी याद करा दी आपने..........
बहूत खूब
This comment has been removed by the author.
ReplyDeletenaasvaaji ne sahi kaha he..unhone jo panktiya spasht ki he vo is gazal ki jaan he..
ReplyDeleteaour vakai me kisi sundar geet ki yaad ho aati he..
bahut achcha likha he aapne, sadhuvaad