Saturday, June 26, 2010

लड़की के भाई से डरे युगल पहुंचे महिला आयोग

दिल्ली में मोनिका-कुलदीप और शोभा की प्रतिष्ठा के नाम पर की गई हत्या का मुद्दा अभी ठंडा भी नहीं हुआ है कि घरवालों की मर्जी के खिलाफ अंतरजातीय विवाह करने वाले जोड़े ने लड़की के भाई से जान का खतरा बताते हुए दिल्ली महिला आयोग से सुरक्षा की गुहार लगाई है।

आयोग ने जोडे़ को सुरक्षा का आश्वासन देते हुए कहा है कि लड़कियों पर हो रहे अत्याचारों को आयोग सहन नहीं करेगा। अशोक विहार इलाके में सगे भाइयों द्वारा बहनों की हत्या की घटना ने इस जोडे़ को इतना डरा दिया है कि उन्होंने 21 जून 2010 को आर्य समाज मंदिर में शादी तो कर ली, परंतु अपने घर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाए, क्योंकि लड़की का भाई लगातार उन्हें मारने की धमकी दे रहा है। श्याम विहार, छावला दिल्‍ली की रहने वाली बीस वर्षीय निधि को अपने पड़ोसी कुलभूषण से शादी करना चाहती थी। दोनों मूलरूप से यूपी के रहने वाले हैं।

जब नौ जून को निधि ने अपने घर वालों को इस बारे में बताया तो उन्होंने अलग-अलग जाति होने के कारण दोनों की शादी कराने से इंकार कर दिया और उसकी पिटाई की। इतना ही नहीं, उसे मारने की कोशिश भी की गई। इसके बाद निधि और कुलभूषण ने घर से भागकर 21 जून 2010 को शादी कर ली। जिसके बाद पुलिस व लड़की के परिजन उन्हें लगातार धमकी दे रहे है। दोनों ने छावला थाने के एसएचओ व पुलिस आयुक्त से इसकी शिकायत की है।

महिला आयोग की चेयरपर्सन बरखा सिंह ने बताया कि उन्होंने शिकायत दर्ज कर ली है। दोनों बालिग हैं और अपनी मर्जी से शादी की है। उन्होंने कहा कि लड़कियों पर जाति के नाम पर हो रहे अत्याचारों को आयोग सहन नहीं करेगा। लड़के के परिजन बहू को घर में रखने को तैयार हैं। ऐसे में आयोग खुद संबंधित डीसीपी व थानाध्यक्ष से बात कर उनको सुरक्षित घर पहुंचाने का प्रबंध करेगा।

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बहन और जीजा के हत्‍यारे पुलिस की हिरासत में

इज्जत के नाम पर अपनी बहनों व जीजा का कत्ल करने वाले अंकित और उसके दोस्त मनदीप व निक्कू को गाजियाबाद पुलिस ने गढ़ मुक्तेश्वर से गिरफ्तार कर लिया। पिछले चार दिनों से फरार इन तीनों की गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही दिल्ली पुलिस भी गाजियाबाद पहुंच गई।

पुलिस की पूछताछ में तीनों आरोपियों ने कहा कि उन्होंने पड़ोसियों के तानों से तंग आकर इस घटना को अंजाम दिया। रविवार की शाम को अंकित ने मनदीप और निक्कू की मदद से अशोक विहार एच-ब्लॉक में अपनी बहन मोनिका व जीजा कुलदीप की गोली मार कर हत्या की थी।

मोनिका-कुलदीप का कत्ल करने से कुछ देर पहले ही मनदीप ने अंकित और निक्कू के साथ अपनी छोटी बहन शोभा का कत्ल किया था। कत्ल की तीनों वारदातों को अंजाम देने के बाद तीनों आरोपी कार से हरिद्वार और वहां से ऋषिकेश चले गए। ऋषिकेश की अपर गंगा में इन लोगों ने हत्या में इस्तेमाल की गई पिस्टल फेंक दी और फिर वहां से मसूरी, देहरादून होते हुए गढ़मुक्तेश्वर आ गए।

परन्‍तु मीडिया के सामने आते ही ये सब अपने बयान से पलट गए और कहा कि हमने कोई हत्‍या नहीं की है। हमें जानबूझकर इसमें फंसाया जा रहा है। हम तो यहां घूमने आए थे। पर हमने न्‍यूजपेपर और टीवी पर समाचार देखे तो पता चला की इन हत्‍याओं का जिम्‍मेवार हमें बताया जा रहा है, इसलिए हम डर कर गए थे और छिप रहे थे। पर हमने कुछ नहीं किया है। इनके हाव भाव देखकर तो यही लग रहा है कि इनको किसी ने अच्‍छी तरह से समझाबूझा कर आत्‍मसमर्पण करवाया है। और यह सब बहुत सूझबूझ के साथ किया गया मर्डर है हो सकता है कि इसके पीछे किसी और का भी दिमाग हो। क्‍योंकि बार-बार मीडिया के पूछने पर भी ये सब केवल यही बोल रहे हैं कि हमें जो भी कुछ बोलना होगा हम कोर्ट के सामने बोलेंगे।

इज्‍जत के नाम पर कत्‍ल कर देना यह बहुत ही निदंनीय है और वह भी सोच समझकर प्‍लान करके क्‍तल करना मतलब लगता है कि समाज में इंसानियत बिल्‍कुल भी नहीं बची।



Monday, June 21, 2010

दो और प्रेमी युगल चढ़े मौत की भेंट

हरियाणा में

ऑनर किलिंग के लिए कुख्यात हरियाणा में एक और प्रेमी जोड़े की जान ले ली गई। दोनों के शव लड़की के चाचा के घर में फंदों पर टंगे मिले। पुलिस के अनुसार मामला ऑनर किलिंग का है। पुलिस ने लड़की के मां, बाप सहित सात परिजनों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस का अनुमान है कि दोनों की हत्या का कारण उनके संबंधों से परिजनों का नाराज होना है।

वारदात का पता पुलिस को 20 जून, 2010 रविवार शाम पौने तीन बजे चला। जान गंवाने वाली युवती मोनिका बोहरा (18) नीमड़ीवाली के दलवीर सिंह की बेटी थी। वह गांव के स्कूल में ही इंटर की छात्रा थी। युवक प्रदीप उर्फ रिंकू (19) मानहेरू गांव के जयभगवान का बेटा था और नीमड़ीवाली में अपने मामा सत्यप्रकाश के साथ दूध का काम करता था।

डीएसपी धीरज सिंह और सदर थाने के एसएचओ प्रेम सिंह बूरा ने बताया कि रिंकू के माथे से खून रिस रहा था। फर्श पर भी खून के निशान थे और वहां खून से सना हुआ डंडा भी मिला है। यह मकान मोनिका के चाचा कुलदीप सिंह का है। कुलदीप और उसके परिवार के लोग तथा मोनिका के बड़े भाई फरार हैं। मोनिका का पिता अपने घर पर मौजूद था, लेकिन उसने कुछ भी नहीं कहा। रिंकू के मामा सत्यप्रकाश की शिकायत पर पुलिस ने मोनिका के पिता, दो भाइयों, मां और चाचा चाची के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।

मानहेरू से आए रिंकू के चाचा कृष्ण कुमार ने कहा कि हत्या करने के बाद उसके भतीजे को शहतीर पर लटकाया गया। कृष्ण कुमार ने बताया कि उन्हें पौने तीन बजे रिंकू के मामा सत्यप्रकाश ने फोन पर बताया कि रिंकू का झगड़ा हो गया है और उसे चोट लगी है। करीब तीस किमी दूर अपने गांव से वह यहां पहुंचा तो एक युवती के साथ रिंकू की रक्तरंजित लाश लटकी मिली। मामला हत्या का है। एफआईआर दर्ज कर ली गई है और अभियुक्तों की तलाश में पुलिस जुट गई है। भिवानी के चौ.बंसीलाल सामान्य अस्पताल में शवों को लाया गया जहां पोस्टमार्टम की कार्रवाई की औपचारिकताएं पूरी की गई।

दिल्ली में

देश की राजधानी प्यार करने वालों के लिए बिलकुल सुरक्षित नहीं रह गई है। दिल्ली में बीस दिन में दो ऑनर किलिंग का मामला सामने आने से पूरे देश में सनसनी फैल गई है। अशोक विहार के ब्लॉक नंबर आई में रहने वाले एक दंपती की रविवार देर रात हत्या कर दी गई। महिला की लाश फ्लैट नंबर 1/167 से मिली है। जबकि उसके पति की लाश बाहर खड़ी कार के पास से पुलिस ने बरामद की। मौके पर पहुंच कर पुलिस ने दोनों शवों को अपने कब्जे में ले लिया। दोनों गुड़गांव की एक कंपनी में काम करते थे।

गौरतलब है कि 2006 में राजपूत जाति के कुलदीप सिंह ने गूजर समुदाय की मोनिका से प्रेम विवाह किया था। दोनों ने परिवार वालों की मर्जी के खिलाफ शादी की थी। तभी से दोनों पक्षों में तनातनी चल रही थी। खासतौर पर लड़की पक्ष काफी गुस्से में था।

हालांकि कुछ दिनों पहले मोनिका की मां ने दोनों को सुलह के लिए घर बुलाया था। लेकिन, बात नहीं बनी थी। बताया जा रहा है कि रविवार देर रात कुलदीप को आवाज देकर घर से बाहर बुलाया गया और गोली मार दी गई। कुछ देर बात घर में घुसकर मोनिका पर भी भारी हथियार से वार कर उसे मौत के घाट उतार दिया गया। लड़की के भाई अंकित पर पर हत्या का शक जताया जा रहा है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

Saturday, June 19, 2010

ऑनर किलिंग के भय से प्रेमी-प्रेमिका ने जहर खाया

ऑनर किलिंग के भय से एक प्रेमी जोड़े ने बृहस्पतिवार 17 जून, 2010 को देर रात जहर खाकर जान देने का प्रयास किया। दोनों घर से भागकर ग्रेटर नोएडा में किराए के मकान में रह रहे थे। प्रेमी बीए द्वितीय वर्ष और प्रेमिका बीबीए की छात्रा है। उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां अब हालत खतरे से बाहर है। जहर खाने से पहले उन्होंने सुसाइड नोट लिखा था कि परिजन पुलिस में मामला दर्ज न कराएं।

आत्महत्या का प्रयास करने वाली प्रेमिका मुरादनगर की रहने वाली है और प्रेमी मेरठ के परतापुर गांव का है। युवक के पिता पुलिस मे हैं। मुरादनगर में लड़की के पड़ोस में युवक की बुआ रहती है। युवक उन्हीं के घर रहकर बीए की पढ़ाई कर रहा है। एक साल पूर्व युवक-युवती की बातचीत शुरू हुई, जो जल्द ही प्यार में बदल गई। दोनों ने शादी करने का फैसला किया और छह माह पूर्व मंदिर में गुपचुप शादी कर ली। धीरे-धीरे उनकी प्रेम कहानी गांव में चर्चा का विषय बन गई। छात्रा के परिजन को पता चला तो उन्होंने उस पर बंदिश लगा दी। बावजूद प्रेमी-प्रेमिका चोरी-छिपे मिलते थे।

कुछ दिन पहले छात्रा के भाई ने उसकी पिटाई कर दी। छात्रा के पिता की मौत हो चुकी है। झूठी इज्जत बचाने के लिए छात्रा के चाचा व भाई ने आनन-फानन में उसकी शादी की तैयारी शुरू कर दी। ऐसे में प्रेमी जोड़े के पास घर से भागने के सिवा कोई रास्ता नहीं बचा। प्रेमी छात्र का चचेरा भाई ग्रेटर नोएडा में रहता है। दस दिन पहले वह ग्रेटर नोएडा आया और भाई की मदद से सेक्टर पाई की गुलमोहर सोसायटी में एक फ्लैट किराए पर ले लिया। इसके बाद बुधवार को प्रेमी जोड़ा घर से भाग ग्रेटर नोएडा रहने चला आया। उधर, प्रेमी-प्रेमिका के भागते ही दोनों के परिजन उनकी तलाश में जुट गए।

दोनों को तलाशते हुए परिजन ग्रेटर नोएडा पहुंचे। प्रेमी-प्रेमिका ने बृहस्पतिवार को ग्रेटर नोएडा के एक मंदिर में जाकर दोबारा शादी कर ली। शुक्रवार को वह कोर्ट में शादी करने वाले थे। बृहस्पतिवार रात छात्रा की अपने भाई से मोबाइल पर बातचीत हुई। दोनों की शादी का पता चलने पर छात्रा के भाई ने उसे और उसके प्रेमी को जान से मारने की धमकी दी। इस पर दोनों डर गए और आत्महत्या का फैसला कर लिया। इसके बाद रात में ही दोनों ने नींद की गोलियां खाई और फिर मच्छर मारने की दवा पी ली। जहर पीने से दोनों बेहोश हो गए। शुक्रवार सुबह छात्र का चचेरा भाई उनके कमरे पर पहुंचा तो दोनों बेहोश पड़े थे। उसने शोर मचाकर आसपास के लोगों को बुलाया और उनकी मदद से दोनों को ग्रेटर नोएडा के कैलाश अस्पताल में भर्ती कराया। सूचना मिलने पर प्रेमी प्रेमिका के परिजन व पुलिस भी अस्पताल पहुंच गए। डाक्टरों का कहना है कि प्रेमी जोड़े की हालत अब खतरे से बाहर है। पुलिस क्षेत्राधिकारी शैलेंद्र लाल ने बताया कि परिजनों ने पुलिस कार्रवाई से मना कर दिया है। पुलिस अपने स्तर से मामले की जांच कर रही है। प्रेमी प्रेमिका के ठीक होने पर उनका बयान लिया जाएगा, उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की होगी। उन्होंने बताया कि आत्महत्या के प्रयास से पहले प्रेमी जोड़े ने सुसाइड नोट लिखा था। जिसमें उन्होंने आत्महत्या की वजह परिजनों का शादी के खिलाफ होना लिखा है।

Friday, June 18, 2010

तीन हजार गुलाब के फूलों का बनाया दिल

एक प्रेमी ने अपनी प्रेमिका को खुश करने के लिए तीन हजार गुलाब के फूलों का पांच फुट से बड़ा दिल बनवाया है। कनॉट प्लेस के बाबा खड़क सिंह मार्ग स्थित तिवारी फ्लावर एंड डेकोरेटर्स के मालिक शिव कुमार तिवारी ने बताया कि इस दिल को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है। इस दिल में तीन हजार से अधिक गुलाब के फूल लगे है। इसे बनाने में चार लोगों को 15 दिन लगे है। यह दिल लंबे समय तक चलेगा, क्योंकि इसमें लगाए गए गुलाब के फूल असली न होकर कृत्रिम है। यह दिल तीस हजार रुपये का है।

आनर किलिंग: बिहार के प्रेमी युगल का पंजाब में कत्ल

पंजाब में ऑनर किलिंग का एक और मामला जुड़ गया है। बिहार में प्रेम विवाह रचाकर पंजाब आए प्रेमी युगल की फगवाड़ा में 16 जून कि रात बुधवार को देर रात लड़की के परिजनों ने तेजधार हथियार से गला रेतकर मौत के घाट उतार दिया। फगवाड़ा के गांव महेड़ू में इस घटना को उस समय अंजाम दिया गया जब यह नव दंपति खेत में बने कमरे की छत पर सो रहा था।

23 वर्षीय युवक कमलेश यादव निवासी पहरपुर थाना सरतेलया, जहानाबाद ने 20 वर्षीय खुशबू कुमारी निवासी मझिआबा, रांची से कुछ माह पहले शादी रचाई थी। शादी रचाने के बाद वे झारखंड से महेडू आ गए थे। खेत मालिक अमरजीत के मुताबिक उनको इस घटना का वीरवार सुबह उस समय पता पता चला जब अन्य मजदूरों ने जानकारी दी कि कमलेश व खुशबू खेतों में नहीं हैं। अमरजीत सिंह गांव के कुछ लोगों व अन्य श्रमिकों के साथ जब मौके पर पहुंचे तथा कमलेश को ढूंढने के लिए छत पर गए तो उन्होंने देखा कि वहां कमलेश तथा खुशबू की खून से लथपथ लाशें पड़ी थी। सरपंच अमरजीत ने तुरंत मामले की सूचना पुलिस को दी।

थाना प्रभारी एसएचओ रविंद्र सिंह के अनुसार घटनास्थल पर मिले सबूतों व आरंभिक जांच के आधार पर लड़की खुशबू के पिता अरविंद शर्मा व अन्यों के खिलाफ साजिशन हत्या का मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस के अनुसार सरपंच अमरजीत सिंह ने बताया कि कमलेश यादव उन्हें अक्सर बताता रहता था कि उसे उसके ससुर की तरफ से मारने की धमकियां मिल रही हैं। कमलेश को गांव में रह रहे रिश्तेदारों और अन्य लोगों से भी खबरें मिलती थीं कि उन्हें उसके ससुर की ओर से धमकी भरे संदेश आ रहे हैं। पुलिस ने सरपंच की शिकायत और परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर केस दर्ज कर लिया।

अंजाम का डर था

सरपंच और गांववासियों के मुताबिक जब से कमलेश यह शादी करके आया था चुपचाप रहता था। अंतरजातीय विवाह के कारण कमलेश रात को घर की छत पर सोता भी था तो सीढ़ी ऊपर खींच लिया करता था। सूत्रों से यह भी पता चला है कि कमलेश के साथ ही काम कर रहा एक श्रमिक डेढ़ माह से गांव गया हुआ है शायद उसी ने उसके ससुर अरविंद शर्मा को उनके यहां रहने की जानकारी दे दी हो।

Wednesday, June 16, 2010

ऑनर किलिंग : भतीजी की हत्या पर कोई पछतावा नहीं

दिल्ली के स्वरुप नगर इलाके के इंद्रप्रस्थ कालोनी से ऑनर किलिंग का एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। आशा व योगेश को प्यार करने की इतनी बड़ा सजा मिलेगी उन्होंने कभी सोचा भी नहीं होगा। सोमवार को आशा के परिवार वालों ने अपनी बेटी व उसके प्रेमी योगेश की बड़ी ही बेरहमी से मार डाला। उसके बाद उनके शव को घर में ताला लगाकर भाग गए।

दरअसल सूरज सैनी की बेटी आशा (18) व योगेश (20) एक दूसरे से प्यार करते थे। और वे शादी करना चाहते थे। योगेश आशा के घर के पास ही रहता था और वो वैन चालक था। लेकिन योगेश की जाति के कारण आशा के परिवार वाले इस रिशते के लिए तैयार नहीं थे। आशा व योगेश एक दूसरे से न मिल पाएं इसलिए आशा के पिता ने उसे अपने बड़े भाई ओमप्रकाश के घर स्वरूपनगर भेज दिया था।

आरोपी युवती के ताऊ ओमप्रकाश और पिता सूरज को हत्या करने का कोई अफसोस नहीं है। उन्होंने पुलिस के सामने कहा कि उन्होंने जो किया वह ठीक था क्योंकि परिवार की इज्जत का ख्याल किए बिना उनकी बेटी दूसरी जाति के लड़के से प्रेम कर रही थी। उन्होंने कहा कि दूसरे युवक से सगाई हो जाने के बावजूद आशा, योगेश से मिल रही थी। इस कारण उन्होंने दोनों की पीट-पीटकर और करंट लगाकर हत्या कर दी थी। इसका उन्हें कोई पछतावा नहीं है।

इस मामले में अभी भी पुलिस को आशा की मां, ताई व उसके ताऊ के बेटे की तलाश है। उत्तर-पश्चिमी जिला पुलिस उपायुक्त एन.एस बुंदेला ने बताया कि सोमवार रात को सूरज सैनी व ओमप्रकाश सैनी को बुराड़ी इलाके से गिरफ्तार कर लिया था। पूछताछ में ओमप्रकाश ने खुलासा किया कि आशा और योगेश का रिश्ता शुरू से ही परिवार के सभी सदस्यों को नपसंद था। इसके कारण ही सोनीपत में रहने वाले एक लड़के से रिश्ता तय कर दिया गया था। इसके बाद भी आशा नहीं मानी और चोरी से योगेश से मिलती रही। मोबाइल से भी वह घंटों बात करती थी।

Thursday, June 3, 2010

बहन की हत्या कर आंगन में दफनाया

अपनी रक्षा का वचन लेते हुए बहन ने जिन हाथों में कभी राखी बांधी थी, उन्हीं हाथों ने उसका बेरहमी से कत्ल कर दिया। फरसे से काटने के बाद भाई ने उसके शव को घर के आंगन में ही दफना दिया और भाग निकला।

ऑनर किलिंग के यह दिल दहला देने वाला मामला उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले का है। लड़की ने अगले पखवाड़े होने जा रही शादी से इनकार कर दिया था क्योंकि वह किसी और को प्यार करती थी। यह बात उसके भाई ने अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा के खिलाफ मान ली थी।

ग्रामाणों ने बताया कि परमिन्दर ने अपनी बहन पुष्पा की शादी हरदोई में तय की थी। शादी 18 जून को होनी थी। बताते हैं कि पुष्पा का गांव के ही युवक छोटेलाल से प्रेम प्रसंग चल रहा था। इसी बीच पुष्पा और छोटेलाल सोमवार को गांव से भाग निकले थे। परमिन्दर ने पुष्पा को समझाया-बुझा तो वह घर आने को तैयार हो गई।

मंगलवार को एक बार फिर से परमिन्दर व पुष्पा में तकरार होने लगी। परमिन्दर उग्र हो उठा और उसने घर में रखे फरसे से पुष्पा को काट डाला। हत्या करने के बाद उसकी लाश आंगन में दफना दी। शाम को जब पुष्पा की मां मेहमानी से लौटकर घर आई तो अन्य भाइयों ने उसे घटना बताई। इस पर मां ने बुधवार की सुबह पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने आंगन खोदकर शव निकाला।

थानाध्यक्ष ने बताया कि मां माया देवी की तहरीर पर पुत्र परविन्दर के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है। परमिंदर फरार है और पुलिस उसकी तलाश कर रही है।

मौत से जूझ रही गुलिस्तां
जिला अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रही गुलिस्तां का मोहब्बत करना गुनाह बन गया है। परिजन और रिश्तेदार तो उसकी जान के दुश्मन हैं ही, बाकी लोगों की इंसानियत भी जाने कहां गुम हो गई है। यदि उसे जल्द ही दिल्ली नहीं ले जाया गया तो उसके बचने की बेहद कम संभावना है।

चिकित्सकों ने उसे तत्काल दिल्ली ले जाने की सलाह दी है, पर अब तक कोई भी हमदर्द सामने नहीं आया। बुधवार को गुलिस्तां की मां जरूर उसकी देखभाल को आ गई, लेकिन वह भी डरते-डरते ही अपनी बेटी के चेहरे पर आए पसीने को पोंछ रही है। सीएमएस एसपी आहूजा ने कहा कि वह गुरुवार की सुबह तक इंतजार करेंगे। यदि उसे दिल्ली नहीं ले जाया गया तो उसे मेरठ मेडिकल कॉलेज रेफर करने पर विचार होगा।

Wednesday, June 2, 2010

बाप-भाई ने तेजाब से जला नहर में फेंका

बुलंदशहर के एक गांव चरौरा मुस्तफाबाद में आनर किलिंग के प्रयास का मामला सामने आया है। गुलिस्तां को उसके पिता और भाई ने पहले तेजाब डालकर फूंका और फिर नहर में बहा दिया। उसका कसूर सिर्फ इतना था कि वह पास के गांव के रवींद्र से प्यार करती थी।

पीडि़त अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है। पुलिस ने उसके मां-बाप व प्रेमी को हिरासत में ले लिया है। साथ ही अस्पताल में उसकी सुरक्षा में पुलिस तैनात कर दी गई है। औरंगाबाद क्षेत्र के गांव चरौरा मुस्तफाबाद निवासी असगर की पुत्री गुलिस्तां (18) का पास के गांव मालागढ़ निवासी रवींद्र से प्रेम प्रसंग था। इस कारण गुलिस्तां पर परिजनों ने घर से निकलने का प्रतिबंध लगा दिया था। पिछले सप्ताह वह रात में घर से कपड़े व नगदी लेकर निकली थी। परिजनों ने उसको गांव के बाहर दबोच लिया और जमकर पीटा। पुलिस का कहना है कि सोमवार देर रात लगभग 2 बजे पिता असगर और ताऊ का लड़का अकील उसे दिल्ली ले जाने के बहाने घर से कार में लेकर चले।

बुलंदशहर बाईपास पर कार से उतारकर पहले उसके कपड़े फाड़े फिर उस पर कैन में भरकर लाया गया तेजाब उड़ेल दिया। चिल्लाने पर उसके गले में दुपट्टे का फंदा डालकर कस दिया। फिर मृत समझकर नहर में फेंककर भाग निकले। कपड़े फाड़ने का कारण पहचान मिटाना था। गुलिस्ता कोतवाली देहात क्षेत्र में वलीपुरा गेस्ट हाउस के पास नहर के किनारे पर आकर अटक गई। सुबह नंगे बदन घिसटती हुई वह सड़क तक आ पहुंची। कराहने की आवाज सुनकर वहां लोगों की भीड़ लग गई। कोतवाली नगर पुलिस ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया।

बाप को कोई अफसोस

पुलिस ने गुलिस्तां के पिता असगर सैफी और मां जन्नत बेगम को हिरासत में ले लिया है। असगर ने स्वीकार किया कि बेटी गलत रास्ते पर चल रही थी। सामाजिक प्रतिष्ठा के चलते उसको मारने की योजना बनाई थी। अपने कृत्य पर उसे कोई पछतावा नहीं, बल्कि गुलिस्तां के बच जाने से परेशान है। वहीं, मां जन्नत बेगम ने पुलिस को बताया कि वह अपनी बिरादरी में शादी की पक्षधर थी।

Friday, October 30, 2009

एक गोत्र में प्यार और फिर शादी करने पर सजा-ए-मौत

एक बार फिर इंसानियत को बदनाम करते हुए एक गोत्र में प्यार और फिर शादी करने पर लड़की के घर वालों ने कपल्स को ऐसी सजा दी है कि सुनने वाले भी सिहर जाएं। मामला कहीं दूर का नहीं भारत की राजधानी के नरेला इलाके का है। प्रेमी जोड़े के घर से भागकर शादी करने के बाद लड़की के घरवालों ने बहाने से दोनों को वापस बुलाया। इसके बाद लड़के की हत्या कर दी और युवती को घर में बंधक बनाए रखकर कुछ रिश्तेदारों ने बलात्कार भी किया। किसी तरह लड़की अपने परिवार वालों के चंगुल से भागने में सफल रही और नरेला थाने में आकर इसकी खबर दी। इसके बाद सोनीपत की नहर से युवक की लाश निकालकर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। लड़की के पिता और नाबालिग भाई समेत पांच मुलजिमों को गिरफ्तार किया गया है।

सोनीपत के महारा गांव के रहने वाले वीरेंद्र सिंह (24) का प्रेम अपने ही गांव की लड़की (22) से था। समान गोत्र होने के कारण लड़की के परिवार को यह रिश्ता मंजूर नहीं था। 2006 में दोनों ने गांव से भागकर शादी कर ली। वीरेंद्र के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज करा दिया गया। लड़की के घरवालों ने दोनों को खोज लिया। वीरेंद्र को जेल भिजवाने के बाद लड़की की शादी जींद में जयपाल नामक शख्स से कर दी गई।

जयपाल वीरेंद्र से रिश्ते के बारे में अपनी पत्नी को अपशब्द कहने लगा। परेशान होकर लड़की ने वीरेंद्र से संपर्क किया। दोनों अपने घरों से एक बार फिर भागकर दिल्ली के समयपुर बादली में रहने लगे। उन्होंने चंडीगढ़ में शादी की और हरियाणा के समालखा में बस गए। लड़की के घरवाले दोनों की तलाश शिद्दत से कर रहे थे। उनके गांव के रहने वाले इंद्रजीत नामक व्यक्ति को उनके पते का सुराग मिल गया। उसने इन दोनों से संपर्क कर उन्हें दिवाली साथ मनाने के लिए कहा।

पति-पत्नी उसकी बातों में आ गए। इंद्रजीत ने उनसे नरेला में संदीप के घर आने के लिए कहा। संदीप लड़की के चाचा का पोता यानी भतीजा है। वीरेंद्र अपनी पत्नी के साथ संदीप के घर पहुंचा। वहां इंद्रजीत और संदीप मौजूद थे। उन्हें यह मालूम नहीं था कि कुछ देर बाद लड़की के परिवार के लोग भी वहां आने वाले हैं। करीब 10 बजे लड़की का पिता दया सिंह, लड़की का 17 साल का भाई और उनके गांव में रहने वाला पवन वहां आ गए।

लड़की को जबरन दूसरे कमरे में ले जाया गया। उससे अलग कमरे में वीरेंद्र के कपड़े उतारकर उसकी जबर्दस्त पिटाई शुरू की गई। लड़की के मुताबिक, उसके भतीजे संदीप और इंद्रजीत ने उससे रेप किया। बाद में वह साइड वाले कमरे में गई तो वहां उसने वीरेंद्र को बुरी तरह पिटते देखा। उसकी पिटाई रात 3 बजे तक चली। 3:30 बजे गला घोंटकर वीरेंद्र की हत्या कर दी गई।

रात में संदीप की मारुति वैन में लाश को सोनीपत में नरा गांव के पास नहर किनारे ले जाया गया। वहां वीरेंद्र के गले में प्लास्टिक की रस्सी डालने के बाद उसे पत्थर से बांधकर नहर में फेंक दिया गया। पुलिस के मुताबिक, मुलजिमों का प्लान लड़की को भी कत्ल करना था। किसी तरह वह 22 अक्टूबर को उनके शिकंजे से भाग निकली। वह अपने किसी जानकार के पास नजफगढ़ गई। इसके बाद हिम्मत जुटाकर उसने नरेला आकर पुलिस को खबर दी।

स्पेशल स्टाफ के इंस्पेक्टर पूरण पंत और एसआई जसमोहिंदर चौधरी, दीपक मलिक आदि पुलिसकर्मियों ने नहर से वीरेंद्र की लाश निकाली। दया सिंह, संदीप, इंद्रजीत, पवन और लड़की के नाबालिग भाई को गिरफ्तार कर लिया गया है। मारुति वैन भी जब्त कर ली गई।

यह सब देखकर हैरानी होती है कि हम अपने को इंसान कहते हैं। जिसके अंदर संवेदना होती है। हम तो जानवर से भी गए गुजरे हैं। वो भी अपने बच्‍चों की रक्षा करता है। हम तो जानवरों से भी गए गुजरे हैं। अपने ही बच्‍चों की खुशियों का गला घोंटकर उससे हमें खुशी मिलती है।

Monday, October 26, 2009

जलेबी या पान खिलाकर प्रेमिका को भगा ले जाओ

यूँ तो किसी को जलेबी या पान का बीड़ा खिलाना कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन यदि गौण्ड समाज का ठाठिया उत्सव हो तो समझ लीजिए कि पान और जलेबी की आड़ में एक प्रेम कहानी परवान चढ़ रही है।

दरअसल आदिवासियों और उनमें भी खासकर गौण्ड समाज में यदि कोई नौजवान किसी कन्या को पान का बीड़ा या जलेबी दे तो इसका मतलब है कि वह लड़की को अपना प्रणय प्रस्ताव भेज रहा है और अगर लड़की उसे खा ले तो समझ लेना चाहिए कि लड़की ने उस प्रणय निवेदन को स्वीकार कर लिया है। प्रेम की भाषा समझने के बाद लड़के को उस लड़की को भगा ले जाना होता है और फिर बज उठती है शहनाई।

एक बार भाग जाने के बाद ऐसे प्रेमी युगल को दोनों पक्षों के परिवारजनों की स्वीकृति मिलना लाजिमी होता है और फिर इन्हें अज्ञातवास से बुला कर इनके ब्याह की रस्म पूरी कर दी जाती है। इस तरह उलझी सी जलेबी उनके प्यार की उलझन सुलझाने का जरिया बन जाती है।

Thursday, October 22, 2009

मेरे पति को पापा और भैया ने मरवायाः आंचल

जम्मू-कश्मीर की ये कहानी दिल दहला देने वाली है। आंचल की आज एक ही ख्वाहिश है कि उसके पिता और भाई के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। आंचल का आरोप है कि पिता और भाई ने ही पुलिसवालों के साथ मिलकर उसके पति की हत्या की है।

श्रीनगर में रहने वाली आंचल ने अपने घरवालों की मर्जी के खिलाफ जम्मू के रजनीश से शादी की थी। आंचल की मानें तो उसका परिवार शुरू से ही रजनीश के पीछे पड़ा हुआ था इसलिए ये जोड़ा घर के बाहर ही रह रहा था। 30 सितंबर को आंचल अपने पति के साथ उसके घर जम्मू पहुंची और उसी समय पुलिस रजनीश और उसके भाई को उठा कर ले गई। 3 अक्टूबर को रजनीश की थाने के भीतर बेदर्दी से हत्‍या कर दी गई। पुलिस के मुताबिक रजनीश ने खुदकुशी कर ली थी लेकिन आंचल का आरोप है कि रजनीश ने खुदकुशी नहीं की है बल्कि उसे मारा गया है।

रजनीश की मौत 3 अक्टूबर को हुई और 5 अक्टूबर को उसका शव जम्मू पहुंचा। इंसाफ की आस लगाते लगाते आखिरकार परिवार ने सात दिन बाद रजनीश का अंतिम संस्कार शनिवार को कर दिया लेकिन आंचल के आंसू सबसे यही सवाल पूछ रहे हैं कि क्या उसकी यही गलती थी कि उसने प्यार किया और अपने परिवार की मर्जी के खिलाफ शादी की।

आंचल का पुराना नाम अमीना है जबकि उसके पति रजनीश कारोबार के सिलसिले में श्रीनगर जाते थे। वहीं दोनों के बीच प्यार हुआ। लेकिन आंचल के घऱवाले इस प्यार के खिलाफ थे। जैसे ही अमीना यानि आंचल ने शादी के लिए अपने घर, शहर और नाम छोड़ा उस पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा। इस पूरी घटना के दौरान पुलिसवालों की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। रिश्तेदारों का आरोप है कि शुरू से ही पुलिसवालों ने न सिर्फ आंचल के घरवालों का साथ दिया बल्कि उन्होंने ही मिलकर हत्या की साजिश रची।

आंचल ने अपने घरवालों की मर्जी के खिलाफ 21 अगस्त को ही आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली और उसी दिन उसके पिता ने श्रीनगर के एक थाने में अपनी बेटी की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करवा दी। साथ ही ये बताया कि बेटी की उम्र 17 साल है। पुलिस ने अगवा करने के आरोप में रजनीश और उसके भाई को धर दबोचा। और दोनों भाई को श्रीनगर ले आई। यहीं थाने के भीतर 3 अक्टूबर को रजनीश एक फंदे से लटका मिला। पुलिस ने मौत की वजह खुदकुशी बताई हालांकि परिवार ने इससे साफ इनकार किया है।

वैसे इस मामले में रिश्तेदारों का आरोप बेवजह नहीं हैं।सवाल ये है कि आखिर थाने के भीतर ही कोई कैसे खुदकुशी कर सकता है? दस्तावेजों से साफ है कि आंचल की उम्र में 21 साल है, तो फिर पुलिस ने उसे नाबालिग क्यों मान लिया? जब आंचल ने साफ कर दिया कि उसने अपनी मर्जी से शादी की है, उसके बावजूद पुलिस रजनीश और उसके भाई को उठा कर क्यों ले गई?

साभार: आईबीएन-7

Wednesday, October 21, 2009

दिल के कोने से एक आवाज आती है...

दिल के कोने से एक आवाज आती है,

हमें हर पल उनकी याद आती है,

दिल पूछता है बार-बार हमसे,

जिन्हे हम याद करते हैं क्या?

उन्हें भी हमारी याद आती है।

Tuesday, October 20, 2009

मोहब्बत का गम होता बहुत है

मोहब्बत का गम होता बहुत है,

के अब ये लफ्ज भी रूसवा बहुत है,

उदासी का सबब मैं क्या बताऊं,

गली-कूचो में सन्नाटा बहुत है,

ना मिलने की कसम खा के भी मैंने,

तुझे हर राह मैंने ढूंढा बहुत है,

ये आंखें क्या देखें किसी को,

इन आंखों ने तुझे देखा बहुत है,

ना जाने क्यूं बचा रखें हैं आंसू,

शायद मुझे रोना बहुत है,

तुझे मालूम तो होगा मेरे हमदम,

तुझे एक शख्स से चाहा बहुत है।

Friday, October 16, 2009

दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं ...


सभी दिल का दर्द पढने वालों को
दिल का दर्द की तरफ से
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं ...

Saturday, October 10, 2009

सामाजिक मानसिक संक्रिणता का शिकार एक और प्रेमी-युगल

समझ नहीं आता की हम आज 21वीं सदी में जी रहे हैं। कहने को तो हमने बहुत तरक्‍की की है। हम बहुत मॉर्डन हो गए हैं। परन्‍तु सोच से हम आज भी पिछडे हुए हैं। एक लडके और एक लडकी का आपस में प्‍यार करना आज भी हमारे समाज में एक अपराध समझा जाता है। क्‍योंकि ऐसा करने से समाज में उनका सिर नीचा हो जाता है और किस समाज की बात करते हैं हम वो समाज जो कि मुसिबत पडने पर कभी सहायता के लिए आगे नहीं आता है हां पीछे खडा होकर तमाशा देखने और बातें बनाने के कुछ नहीं करता। जब तक हमारी सोच इसी तरह पीछडी रहेगी तब तक मोनिका-गौरव जैसे प्रेमी इस सामाजिक मान‍सिक संक्रिणता का शिकार होते रहेंगे।

मोनिका-गौरव केस में दिल्ली हाई कोर्ट के सख्त रुख के बाद साहिबाबाद पुलिस ने तत्कालीन थाना प्रभारी, आईओ सब-इंस्पेक्टर समेत 9 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। गौरव की तहरीर पर कानूनी धाराओं का उल्लंघन, आरोपियों को बचाने का प्रयास और गैरकानूनी ढंग से बंधक बनाने जैसी धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। रिपोर्ट के बाद अब एसएसपी अखिल कुमार ने पूरे मामले की जांच एएसपी हैप्पी गुप्तन से लेकर एसपी सिटी राहुल यादवेंदु को सौंप दी है।

रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली के गौतमनगर निवासी गौरव ने 6 जुलाई को साहिबाबाद निस्तौली में रहने वाली मोनिका के साथ आर्यसमाज रीति से विवाह किया था। इधर, मोनिका के परिजनों ने गौरव के खिलाफ नाबालिग का अपहरण करने का मामला दर्ज कराया था। आरोप हैं कि 12 जुलाई को और दिल्ली पुलिस ने मोनिका और गौरव को दिल्ली से साहिबाबाद थाने लाई। मोनिका द्वारा खुद को बालिग बताने के बावजूद पुलिस ने बिना जांच किए गौरव को जेल भेज दिया था। हालांकि बाद में मोनिका के कोर्ट में बयान देने के बाद उसे बेल मिल गई थी। मामला दिल्ली हाई कोर्ट में पहुंचने पर कोर्ट ने 7 अक्टूबर को मोनिका को कोर्ट में पेश करने के आदेश दिल्ली और साहिबाबाद पुलिस को दिए।

इधर 16 सितंबर को मोनिका की मौत होने के बारे में दिल्ली पुलिस को बता दिया। 7 अक्टूबर को दिल्ली हाई कोर्ट ने साहिबाबाद पुलिस का पक्ष रखने गई एएसपी हैप्पी गुप्तन ने न केवल पुलिस की गलती स्वीकारी, बल्कि कोर्ट के समक्ष कहा था कि अब गौरव की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई होगी। इसके बाद गुरुवार गौरव ने साहिबाबाद थाने में तहरीर दी और देर रात को पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली। रिपोर्ट में साहिबाबाद के तत्कालीन थाना प्रभारी इंस्पेक्टर योगेश पाठक, आईओ सब-इंस्पेक्टर नीरज गौतम, मोनिका के भाई, मां, बहनोई, 2 चाचा, और 2 चचेरे भाइयों को नामजद किया गया है।

साभार: नवभारत टाइम्‍स

Wednesday, July 22, 2009

"रात की खामोशी रास नहीं आती"


रात की खामोशी रास नहीं आती,
मेरी परछाई भी अब मेरे पास नहीं आती,

कुछ आती है तो बस तेरी याद,
जो आकर एक पल भी मुझसे दूर नहीं जाती

Friday, May 8, 2009

"फिर किसी याद ने रातभर है जगाया मुझको"



फिर किसी याद ने रातभर है जगाया मुझको,
क्या सजा दी है मोहब्बत ने खुदाया मुझको,

दिन को आराम है ना रात को है चैन कभी,
जाने किस खाक से कुदरत ने बनाया मुझको,


दुख तो ये है कि जमाने में मिले गैर सभी,
जो मिला है वो मिला पराया मुझको,


जब कोई भी ना रहा कांधा मेरे रोने को,
घर की दीवारों ने सीने से लगाया मुझको,


बेवफा जिंदगी ने जब छोड़ दिया है तनहा,
मौत ने प्यार से पहलू में बिठाया मुझको,

वो दीया हूं जो मोहब्बत ने जलाया था कभी,
गम की आंधी ने सुबह और शाम बुझाया मुझको,

कैसे भुलूंगा तेरे साथ गुजारे लम्हें,
याद आता रहा जुल्फों का ही साया मुझको।

Tuesday, May 5, 2009

"इजाजत दे दो..."


तुम मेरी जिंदगी का एक हसीन लम्हा हो,
फूलों से खुद को सजाने की इजाजत दे दो,


मैं कितना चाहता हूं किस तरह बताऊ तुम्हें,
मुझे ये आज बताने की इजाजत दे दो,


तुम्हारी रात सी जुल्फों में चांद सा चेहरा,
मुझे ये शाम सजाने की इजाजत दे दो,

मुझे कैद कर लो अपने इश्क में,
ये जान तुम पर लूटाने की इजाजत दे दो,


नहीं है शौक मुझे भूलने का मगर,
मुझे ये दुनिया भुलाने की इजाजत दे दो।

Saturday, May 2, 2009

"एक तेरा अहसास है"


एक तेरा अहसास है जो हर वक्त मेरे साथ है,
एक तेरी याद है जो दिन-रात मुझे तड़पाती है,

एक उम्मीद है तेरे आने की अपना तुझे बनाने की,
ना चैन है ना सुकुन है ये कैसा मेरा हाल है,


रातें हो गई हैं इतनी लम्बी जो काटे ना कटे,
ना भूख है ना प्यास है ना कोई आस है,


ना कोई पास है बस एक तेरा अहसास है,
जो हर वक्त मेरे साथ है।

Friday, May 1, 2009

"यूं ना मुझको देख"


यूं ना मुझको देख तेरा दिल पगला ना जाये,
मेरे आंसू से तेरा दामन जल ना जाये,


वो मुझ से फिर मिला है आज ख्वाबों में,
अ खुदा कहीं मेरी नींद खुल ना जाये,

पूछा ना कर सब के सामने मेरी कहानी,
कहीं तेरा नाम होठों से निकल ना जाये,

जी-भर कर देख लो हमको तुम सनम,
क्या पता फिर जिंदगी की शाम ढल ना जाये,


यूं ना मुझको देख तेरा दिल पगला ना जाये,
मेरे आंसू से तेरा दामन जल ना जाये।

Thursday, April 30, 2009

"अहसास हुआ है हमको"


अब जो बिछड़े हैं तो ये अहसास हुआ है हमको,
दर्द क्या होता है तन्हाई कैसी होती है,

चारो तरफ गुंजती रुसवाई किसे कहते हैं,
अब जो बिछड़े हैं तो ये अहसास हुआ है हमको,


कोई लम्हा हो तेरी याद में खो जाते हैं,
अब तो खुद को भी याद नहीं कर पाते हैं,

रात हो दिन हो तेरे प्यार में अश्क बहाते हैं,
दर्द क्या होता है तन्हाई किसे कहते हैं,


अब जो बिछड़े हैं तो ये अहसास हुआ है हमको,
यूं तो दुनिया की हर चीज हसीन होती है,

प्यार से बढ़कर मगर कुछ नहीं होती है,
रास्ता रोक के हर किसी से यही कहते हैं,


अब जो बिछड़े हैं तो ये अहसास हुआ है हमको,
दर्द क्या होता है तन्हाई कैसी होती है।

Wednesday, April 29, 2009

"दिल में क्यूं है"


ये दिल तुझे इतनी शिद्दत से चाहता क्यूं है,
हर सांस के साथ तेरा ही नाम आता क्यूं है,

तु कितना भी मुझसे सख्त ताल्लुक रख ले,
जिक्र फिर भी तेरा मेरी जबान पे आता क्यूं है,

यूं तो हैं कई फासलें तेरे मेरे बीच,
लगता फिर भी तु मुझको मेरी जान सा क्यूं है,

तेरी यादों में तड़पने की हो चुकी है आदत मेरी,
तेरे दूर होने का फिर भी अहसास मुझको रुलाता क्यूं है,

ये जानता हूं कि तु बहुत दूर है मुझसे,
मगर फिर भी एक आस तुझे पाने की इस दिल में क्यूं है।

Tuesday, April 28, 2009

"जरा इतना बता दो मुझको"


चाहों जो मेरी खताओं की सजा दो मुझको,
पर खता क्या है जरा इतना बता दो मुझको,


मैंने चाहा था तुम्हें अपनी जान से बढ़कर,
इन वफाओं के सिले ऐसी वफा दो मुझको,


भुलना तुझको मेरे लिए ना मुमकिन है,
जो हो सके तो सनम तुम ही भुला दो मुझको,


अब अगर सोच ही लिया है दूर होना है मुझसे,
मैं मर ही जाऊं कोई ऐसी सजा दो मुझको।

Monday, April 27, 2009

"मैं और मेरा दिल"


तनहा बैठे हैं दोनों मैं और मेरा दिल,

तेरी याद में रहते हैं दोनों मैं और मेरा दिल,

शिशे का वजूद और हर तरफ हाथ में पत्थर,

सहमें बैठे हैं दोनों मैं और मेरा दिल,

खामोशी का सबब जो कोई पुछ ले,

तेरा नाम ही लेते हैं दोनों मैं और मेरा दिल,

Saturday, April 25, 2009

"फिर भी ये मोहब्बत क्यूं है"


तेरी तस्वीर मेरी आंखों में बसी क्यूं है,
जहां देखों बस उधर तु ही क्यूं है,

तेरी यदों से वाबस्ता मेरी तकद्दीर है,
लेकिन तुझे ना पा कर मेरी तकद्दीर रूठी क्यूं है,


मुझ को है खबर आसान नहीं तुझे हासिल करना,
फिर भी ये इंतजार ये बेकरारी क्यूं है,

बरसों गुजर गए मेरे तन्हाइयों में लेकिन,
मेरी बाहों को आज भी तेरा इंतजार क्यूं है,

तेरी चाहत की कसम खून के आंसू रोया हूं,
अब नहीं है कुछ बाकी फिर ये जान बाकी क्यूं है,

खत्म हुआ मेरा ये अफसाना एक बात बताऊं,
अंजाम था मालूम मुझको फिर भी ये मोहब्बत क्यूं है।

Thursday, April 23, 2009

"एक तू तेरी आवाज याद आएगी"


एक तु तेरी आवाज याद आएगी,
तेरी कही हुई हर बात याद आएगी,

दिन ढल जाएगा रात याद आएगी,
हर लम्हा पहली मुलाकात याद आएगी,


कभी हंसती कभी रोती कभी मुस्कुराती,
ये जिन्दगी तेरे बिन यूं ही कट जाएगी,


पर कुछ कमी इसमें भी तो रह जाएगी,
दिल को तड़पाएगी कभी तरसाएगी,

हर लम्हा तेरी याद आ जाएगी,
एक तू तेरी आवाज याद आएगी...।

Wednesday, April 22, 2009

"मैं वो हूं जिसे तुम प्यार किया करते थे..."


मैं वो हूं जिसे तुम प्यार किया करते थे,
दिन मैं सौ बार नाम मेरा लिया करते थे,


आज क्या बात हुई क्यूं मुझसे खफा बैठे हो,
क्या किसी और के दिल को अपना बना बैठे हो,

फासले पहले तो इतने ना हुआ करते थे,
मैं वो हूं जिसे तुम प्यार किया करते थे,

माना के ये गम है कोई सौगात नहीं,
तुम हमें अपना कहो ऐसे भी हालात नहीं,

मैं वो हूं जिसे तुम प्यार किया करते थे,
जी में आता है कि आज तुम्हें तड़पा दूं,

दर्द जो तुमने दिया वो सब तुमको लौटा दूं,
अगर भूल गए हो तो ये बतला दूं,

तुम मुझे हासिल-ए-अरमान कहा करते थे,
मैं वो हूं जिसे तुम प्यार किया करते थे।

Tuesday, April 21, 2009

"कभी दिल में बसा दिया..."


कभी नजर से गिरा दिया, कभी दिल में बसा दिया,
मोहब्बत में तुमने हमें कभी हंसा तो कभी रूला दिया,

कभी प्यार बेशुमार किया कभी दर्द बेइंतिहा दिया,
अपनी दिवानगी में तुमने हमें किस मुकाम पर पहुंचा दिया,

दिल को खिलौना समझ कर तुमने, हमें हर खेल में हरा दिया,
कभी उम्मीदों को बढ़ा दिया, कभी मायूसियों ने जीना दुश्वार किया,

फिर भी हमदम हमने तुम्हें, प्यार की हद से भी ज्यादा प्यार किया।

Thursday, April 16, 2009

"जिंदगी गुजर रही है खुशी की तलाश में"


जिंदगी गुजर रही है खुशी की तलाश में,
रोते हुए दिल के लिए हंसी की तलाश में,

वक्त ने इस दिल को कई जख्म दिये,
इन जख्मों के लिए मरहम की तलाश में,

खामोशियां इस दिल का हिस्सा बन गई,
दो पल के लिए मुस्कुराहट की तलाश में,

अपनी मंजिल तक भूल चुका हूं,
उस के प्यार की तलाश में,

चाहतों की दुनिया में गम के सिवा कुछ नहीं,
पल-पल गुजर रहा हूं खुशी की तलाश में,

मेरे दिल इतना बता मुझे,
क्यूं तड़प रहा है तु उसी की तलाश में।