Wednesday, January 21, 2009

"मुझे अपने प्यार की पनाहों में रखना"


एक हंसीन ख्वाब बना कर तुम
मुझे हर पल अपनी निगाहों में रखना
छू ना सके मुझे ये हवाऐं बहकी सी
मुझे कैद अपनी पनाहों में रखना

मैं खाक हूं बिखर ना जाऊं कहीं
मुझे समेट कर अपनी बाहों में रखना
जो करो तुम मोहब्बत हदों से गुजर कर
मेरा नाम तुम अपनी खताओं में रखना
मैं करता हूं अहसास तुम्हारा
तुम भी मुझे याद अपनी दुआओं में करना
कभी जुदा ना करे गर्दिशे जमाना
मुझे अपने प्यार की पनाहों में रखना

8 comments:

  1. dil se mahsoos kar likhi gai is gazal ke liye bdhaai

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  2. बहुत सुंदर रचना...अच्‍छी लगी।

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  3. बेहतरीन रचना!!

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  4. जो करो तुम मोहब्बत हदों से गुजर कर
    मेरा नाम तुम अपनी खताओं में रखना
    "mindblowing words and thoughts..."

    Regards

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  5. कभी जुदा ना करे गर्दिशे जमानामुझे
    अपने प्यार की पनाहों में रखना

    बहुत गहरा लिखा है........हर प्रेमी बस यही तो चाहता है

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  6. मैं करता हूं अहसास तुम्हारा
    तुम भी मुझे याद अपनी दुआओं में करना

    अति सुंदर अभिव्यक्ति...

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    1. बहुत खूब भावना जी ।।

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    2. बहुत खूब भावना जी ।।

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