vah vah kamaal kar dya bahut sunder hai bdhaai
कितनी जल्दी ये मुलाकात गुजर जाती हैप्यास बूझती नहीं के बरसात गुजर जाती हैअपनी यादों से कह दो यूं याद ना करेंनींद आती नहीं और रात गुजर जाती हैवाह भाई वाह एक बेहतरीन रचना लिखी है आपने बहुत बहुत बधाई
बेहतरीन.........लाजवाब, खूबसूरतएहसास से भरी, अच्छी रचना
vah vah kamaal kar dya bahut sunder hai bdhaai
ReplyDeleteकितनी जल्दी ये मुलाकात गुजर जाती है
ReplyDeleteप्यास बूझती नहीं के बरसात गुजर जाती है
अपनी यादों से कह दो यूं याद ना करें
नींद आती नहीं और रात गुजर जाती है
वाह भाई वाह एक बेहतरीन रचना लिखी है आपने बहुत बहुत बधाई
बेहतरीन.........लाजवाब, खूबसूरत
ReplyDeleteएहसास से भरी, अच्छी रचना