Saturday, February 28, 2009

"विश्वास की एक डोरी है मोहब्बत"


विश्वास की एक डोरी है मोहब्बत,

बेताब दिल की मजबूरी है मोहब्बत,

ना मानो तो कुछ भी नहीं,

मानो तो भगवान की कमजोरी है मोहब्बत।

2 comments:

  1. अपनी कमजोरी को,
    खुद स्वीकार नही करते हैं।
    दोष स्वयं के नही देखते,
    सदा दूसरे पर धरते हैं।
    गल्ती नही तुम्हारी,
    यह सब-जग की रीति रही है।
    प्यार-मुहब्बत कहने भर की,
    सच्ची बात यही है।।

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  2. ऊपर वाला तो सचमुच बिका हुवा है मोहब्बत के सामने
    क्या खूब लिखा है

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