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तुम्हें चाहते हैं बेइंतहा पर चाहना नहीं आता,
ये कैसी मोहब्बत है कि हमें बयां करना नहीं आता,
ये कैसी मोहब्बत है कि हमें बयां करना नहीं आता,
जिंदगी में आ जाओं मेरी जिंदगी बनकर,
कि तेरे बिना हमें जिंदा रहना नहीं आता,
हर पल तुझे बस तुझे दुआओं में मांगते हैं,
मगर क्या करें कि हमें तुझे पाना नहीं आता।
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तुम्हें चाहते हैं बेइंतहा पर चाहना नहीं आता,
ये कैसी मोहब्बत है कि हमें बयां करना नहीं आता,
बहुत सुन्दर रचना है . बधाई .
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