अब जो बिछड़े हैं तो ये अहसास हुआ है हमको,
दर्द क्या होता है तन्हाई कैसी होती है,
चारो तरफ गुंजती रुसवाई किसे कहते हैं,
अब जो बिछड़े हैं तो ये अहसास हुआ है हमको,
कोई लम्हा हो तेरी याद में खो जाते हैं,
अब तो खुद को भी याद नहीं कर पाते हैं,
रात हो दिन हो तेरे प्यार में अश्क बहाते हैं,
दर्द क्या होता है तन्हाई किसे कहते हैं,
अब जो बिछड़े हैं तो ये अहसास हुआ है हमको,
यूं तो दुनिया की हर चीज हसीन होती है,
प्यार से बढ़कर मगर कुछ नहीं होती है,
रास्ता रोक के हर किसी से यही कहते हैं,
अब जो बिछड़े हैं तो ये अहसास हुआ है हमको,
दर्द क्या होता है तन्हाई कैसी होती है,
चारो तरफ गुंजती रुसवाई किसे कहते हैं,
अब जो बिछड़े हैं तो ये अहसास हुआ है हमको,
कोई लम्हा हो तेरी याद में खो जाते हैं,
अब तो खुद को भी याद नहीं कर पाते हैं,
रात हो दिन हो तेरे प्यार में अश्क बहाते हैं,
दर्द क्या होता है तन्हाई किसे कहते हैं,
अब जो बिछड़े हैं तो ये अहसास हुआ है हमको,
यूं तो दुनिया की हर चीज हसीन होती है,
प्यार से बढ़कर मगर कुछ नहीं होती है,
रास्ता रोक के हर किसी से यही कहते हैं,
अब जो बिछड़े हैं तो ये अहसास हुआ है हमको,
दर्द क्या होता है तन्हाई कैसी होती है।
4 comments:
आपने अपनी कविता में शब्दों को सुन्दर ढंग से पिरोया है।
इससे भावों में जीवन्तता आ गयी है।
अभिव्यक्ति सुन्दर और ग्राह्य है।
जब होता इन्सान को कुछ न कुछ एहसास।
गीत गजल लिखते तभी बढ़ता है विश्वास।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
बहुत सुन्दर.
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