गम है या खुशी है तु,
मेरी जिंदगी है तु,
मुसीबतों के दौर में,
चैन की घड़ी है तु,
मेरी रात का चिराग,
मेरी नींद भी है तु,
मैं खिजा की शाम हूं,
रूत बहार की है तु,
मेरी सारी उम्र में,
एक ही कमी है तु,
मैं तो वो नहीं रहा,
हां! मगर वो ही है तु...।
मेरी जिंदगी है तु,
मुसीबतों के दौर में,
चैन की घड़ी है तु,
मेरी रात का चिराग,
मेरी नींद भी है तु,
मैं खिजा की शाम हूं,
रूत बहार की है तु,
मेरी सारी उम्र में,
एक ही कमी है तु,
मैं तो वो नहीं रहा,
हां! मगर वो ही है तु...।
2 comments:
मेरी सारी उम्र में,
एक ही कमी है तु,
मैं तो वो नहीं रहा,
हां! मगर वो ही है तु...।
लाजवाब लिखा है इस बार भी
So Touching.
Very Nice.
Carry on.
Best of luck.
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