जिंदगी गुजर रही है खुशी की तलाश में,
रोते हुए दिल के लिए हंसी की तलाश में,
वक्त ने इस दिल को कई जख्म दिये,
इन जख्मों के लिए मरहम की तलाश में,
खामोशियां इस दिल का हिस्सा बन गई,
दो पल के लिए मुस्कुराहट की तलाश में,
अपनी मंजिल तक भूल चुका हूं,
उस के प्यार की तलाश में,
चाहतों की दुनिया में गम के सिवा कुछ नहीं,
पल-पल गुजर रहा हूं खुशी की तलाश में,
मेरे दिल इतना बता मुझे,
क्यूं तड़प रहा है तु उसी की तलाश में।
रोते हुए दिल के लिए हंसी की तलाश में,
वक्त ने इस दिल को कई जख्म दिये,
इन जख्मों के लिए मरहम की तलाश में,
खामोशियां इस दिल का हिस्सा बन गई,
दो पल के लिए मुस्कुराहट की तलाश में,
अपनी मंजिल तक भूल चुका हूं,
उस के प्यार की तलाश में,
चाहतों की दुनिया में गम के सिवा कुछ नहीं,
पल-पल गुजर रहा हूं खुशी की तलाश में,
मेरे दिल इतना बता मुझे,
क्यूं तड़प रहा है तु उसी की तलाश में।
4 comments:
बहुत उम्दा रचना है।बधाई\
अपनी मंजिल तक भूल चुका हूं,
उस के प्यार की तलाश में,
लाजवाब बांधा है
1 dam sahi dost......manjil to nikal gayi
ye to hona hi tha
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