Wednesday, April 22, 2009

"मैं वो हूं जिसे तुम प्यार किया करते थे..."


मैं वो हूं जिसे तुम प्यार किया करते थे,
दिन मैं सौ बार नाम मेरा लिया करते थे,


आज क्या बात हुई क्यूं मुझसे खफा बैठे हो,
क्या किसी और के दिल को अपना बना बैठे हो,

फासले पहले तो इतने ना हुआ करते थे,
मैं वो हूं जिसे तुम प्यार किया करते थे,

माना के ये गम है कोई सौगात नहीं,
तुम हमें अपना कहो ऐसे भी हालात नहीं,

मैं वो हूं जिसे तुम प्यार किया करते थे,
जी में आता है कि आज तुम्हें तड़पा दूं,

दर्द जो तुमने दिया वो सब तुमको लौटा दूं,
अगर भूल गए हो तो ये बतला दूं,

तुम मुझे हासिल-ए-अरमान कहा करते थे,
मैं वो हूं जिसे तुम प्यार किया करते थे।

2 comments:

आशीष कुमार 'अंशु' said...

मैं वो हूं जिसे तुम प्यार किया करते थे,
दिन मैं सौ बार नाम मेरा लिया करते थे,

SACH ME ACHHA LIKHA HAI

Udan Tashtari said...

स्वतंत्ररुप से सारे शेर बढ़िया.