Tuesday, February 17, 2009

"वो अलफाज कहां से लाऊं"


गा सकूं आपका नगमा वो साज कहां से लाऊं,

सुना सकूं कुछ आपको वो अंदाज कहां से लाऊं,

यूं तो चांद-तारों की तारीफ करना आसान है,

कर सकूं आपकी तारीफ वो अलफाज कहां से लाऊं।

1 comment:

Anonymous said...

खुब..