Thursday, February 26, 2009

"बस तेरे पास लौट आने को 'जी' चाहता है"


ना मुस्कुराने को 'जी' चाहता है,

ना आंसू बहाने को 'जी' चाहता है,

लिखूं तो क्या लिखूं तेरी याद में,

बस तेरे पास लौट आने को 'जी' चाहता है।

5 comments:

Mohinder56 said...
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Mohinder56 said...

तो लौट आईये न... किसने रोका है

जिन्हें मैं कह नहीं सकता
जिन्हें तुम सुन नहीं सकते
वही कहने की बातें हैं
वही सुनने की बाते हैं

दिगम्बर नासवा said...

वाह जनाब......... क्या लिखा है,
जी तो जाने क्या क्या chaahta है पर पूरा हो तब न

Anonymous said...

gehre bhav ,bahut khub.

परमजीत सिहँ बाली said...

बहुत बढिया!