Thursday, February 19, 2009

"दूरियों का एहसास नहीं होता"


दूरियां बहुत हैं पर इतना तुम समझ लो

के पास रहकर भी कोई रिश्ता खास नहीं होता,

आप मेरे दिल के इतने पास हो

कि दूरियों का एहसास नहीं होता।

3 comments:

अनिल कान्त said...

वाह ....बहुत खूब

मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति

Unknown said...

क्या बात है । बहुत खूब । पास होने से रिश्ता खास नहीं होता । बहुत सुंदर

दिगम्बर नासवा said...

आप मेरे दिल के इतने पास हो
कि दूरियों का एहसास नहीं होता।

पढ़ते पढ़ते मन मैं कई यादें उभर आयीं