skip to main
|
skip to sidebar
Monday, February 2, 2009
"ये ही इश्क है"
तनहाइयों में ही इश्क है,
एक बात को सबसे छुपाना इश्क है,
यूं तो नींद नहीं आती हमें रातभर,
मगर सोते-सोते जगना इश्क है।
2 comments:
दिगम्बर नासवा
said...
क्या कहने जनाब............
इश्क के ये भी पहलू हैं............
February 2, 2009 at 2:55 PM
Dr.Bhawna Kunwar
said...
सुंदर...
February 11, 2009 at 2:56 PM
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
About Me
View my complete profile
Followers
Blog Archive
►
2010
(9)
►
June
(9)
▼
2009
(103)
►
October
(7)
►
July
(1)
►
May
(4)
►
April
(20)
►
March
(24)
▼
February
(19)
"विश्वास की एक डोरी है मोहब्बत"
"कुछ खास हो तुम"
"बस तेरे पास लौट आने को 'जी' चाहता है"
"तुमसे कोई रिश्ता बना तो सही"
"मिल गई हो जिसे मोहब्बत तुम्हारी"
"पत्थर की है दुनिया, जज्बात नहीं समझती"
"एक रात हुई बरसात बहुत"
"दूरियों का एहसास नहीं होता"
"फिर से रूठ जाने को दिल चाहता है"
"वो अलफाज कहां से लाऊं"
"चांद निकलेगा तो दुआ मांगेंगे"
"हैप्पी वैलंटाइन डे"
"जज्बातों को मेरे कोई ढूंढ के लाओं जरा"
"कितनी जल्दी ये मुलाकात गुजर जाती है"
"सांसे आप की जान है हमारी"
क्या कहूं तुझे?
"प्यारा का अहसास हो तुम"
"क्योंकि प्यार किया नहीं जाता"
"ये ही इश्क है"
►
January
(28)
►
2008
(27)
►
December
(25)
►
November
(2)
कुछ इस तरह...
तेरा मुझसे है पहले का नाता कोई...
दो प्यार करने वालो को...
2 comments:
क्या कहने जनाब............
इश्क के ये भी पहलू हैं............
सुंदर...
Post a Comment