Saturday, January 31, 2009

"हर पल के लिए"


चले गए हो दूर कुछ पल के लिए,

दूर रहकर भी करीब हो हर पल के लिए,

कैसे याद न आए आपकी एक पल के लिए,

जब दिल में हो आप हर पल के लिए।

4 comments:

परमजीत सिहँ बाली said...

बहुत बढिया!!

दिगम्बर नासवा said...

सच बातों को रचना में लयबद्ध करने का शुक्रिया............बहुत खूब है
बसंत पंचमी की बहुत बहुत बधाई

संगीता पुरी said...

बहुत सुंदर...

Dr.Bhawna Kunwar said...

बहुत खूब...