जज्बातों को मेरे कोई ढूंढ के लाओं जरा,
भूल गया हूं मुस्कुराना कोई मुझे हंसाओं जरा,
छूने से भी किसी के अहसास नहीं होता,
कोई मेरे दिल की धड़कनों को हाथ लगाओ जरा।
कभी कभी हालात ऐसे हो जाते हैं...सच में आपने हकीकत बयान की है...
उर-मन्दिर से बाहर निकालो, वो जज्बातों का घर है।पहरेदार हटा लो सारे,कुण्ठाओं का क्या डर है।।
कुछ ख़ास पोस्ट चाहूँगा, 14 फ़रवरी पर---गुलाबी कोंपलें
sale aj tak ke posto me se aj ke post ne to jaan le libhaut acha tha
Post a Comment
4 comments:
कभी कभी हालात ऐसे हो जाते हैं...सच में आपने हकीकत बयान की है...
उर-मन्दिर से बाहर निकालो,
वो जज्बातों का घर है।
पहरेदार हटा लो सारे,
कुण्ठाओं का क्या डर है।।
कुछ ख़ास पोस्ट चाहूँगा, 14 फ़रवरी पर
---
गुलाबी कोंपलें
sale aj tak ke posto me se aj ke post ne to jaan le li
bhaut acha tha
Post a Comment