Wednesday, December 3, 2008

"मेरा दर्द"

बड़े अजीब हैं ये जिन्दगी के रास्ते,

अनजान मोड़ पर कुछ लोग दोस्त बन जाते हैं,

मिलने की खुशी दे या न दे,

बिछड़ने का गम जरूर दे जाते हैं

मत करो कोई वायदा जिसे तुम निभा न सको,

मत चाहो उसे जिसे तुम पा न सको,

प्यार कहां किसी का पूरा होता है,

इसका तो पहला शब्द की अधूरा होता है।

मेरी हर खता पर नाराज न होना,

अपनी प्यारी सी मुस्कान कभी न खोना,

सुकून है देख कर आपकी मुस्कुराहट को,

मुझे मौत भी आए तो भी मत रोना।

भूलना तुम्हें न आसान होगा,

जो भूले तुम्हें वो नादान होगा,

आप तो बसते हो रूह में हमारी,

आप हमें न भुलाएं ये आपको अहसान होगा।

कभी किसी से जिक्र-ए-जुदाई मत करना,

इस दिल से कभी रुसवाई मत करना,

जब दिल उठ जाए हमसे तो बता देना,

ना बता कर बेवफाई मत करना।

1 comment:

Unknown said...

ye baat to tumne bhaut sach k dost ti zndgi me aate hai lekin pyar me dil ka dard bhi de kar chale jate hai