Wednesday, December 24, 2008

"मेरे जज्बात"

कल पता था कि उसका फोन नहीं आयेगा। पर फिर भी जाने क्यूं एक अनजान सी आशा में उसके फोन का इंतजार कर रहा था। अपने दिल को बार-बार यही कह कर बहला रहा था कि अ दिल इतना तेज मत धड़क थोड़ा और सब्र कर आज फोन नही आया तो क्या वो भी वहां बेचैन होगी। और वो भी मुझसे बात करने के लिए कल का इंतजार कर रही होगी। तो तू भी सब्र कर जब मेरी 'जान' इतना सब्र कर सकती है, तो क्या तू भी उसके लिए एक दिन का सब्र नहीं कर सकता। पर ये दिवाना दिल है कि आजकल मेरी कोई बात ही नहीं मानता है। खुद भी दुखी रहता है और मुझे भी दुखी करता है। पूरे दिन उसी के नाम लेता रहता है। और भगवान से हर दुआ में यही मांगता है कि भगवान उसको मुझसे कभी अलग मत करना। 'मेरी जान को मुझे वापस दिला दो।' मैं उसके बिना नहीं रह सकता, उसके बिना जिन्दगी की कल्पना भी नहीं कर सकता।

आज सुबह से ही एक अंजानी खुशी से दिल बाग-बाग हो रहा था। आज मेरी 'जान' मुझे फोन करेगी। मैं उससे अपने दिल की बांते शेयर करूंगा। उसको बताऊंगा कि 'जान' तुम्हारे बिना कल कुछ भी अच्छा नहीं लगा। और मैं कल भी तुम्हारे फोन का इंतजार कर रहा था। कि शायद तुमको भी मेरी याद आ जाए और तुम कल भी फोन कर दो। बस यही सब कुछ सोचते-सोचते घर से निकल गया और पूरे रास्ते भर भी यही सोचता रहा कि आज उससे क्या-क्या बातें करूंगा। क्योंकि हमेशा यही होता है उसका फोन आने से पहले यही सोचता रहता हूं कि आज उससे ये बात पुछूंगा पर फोन आने के बाद उससे क्या बात करूं यही भूल जाता हूं। आज भी कुछ ऐसा ही हुआ। 10.13 मिनट पर उसका फोन आया। पता नहीं उसके फोन की वाईबरेशन सुनकर ही दिल में ऐसी ऊर्जा का संचार होता है जैसे हजार सूर्य एक साथ चमक उठे हों। मैंने फोन पिक किया और उसे 'हाय' कहा उसने भी 'हाय' कहा और फिर मैंने उसे कहा 'जान' 'आई लव यू'। उसने भी हंसते हुए कहा हां 'आई लव यू टू'। फिर उसने हंसते हुए पूछा कैसे हो। मैंने हल्की सी आवाज में कहा अच्छा हूं। तुम कैसी हो। उसने कहा मैं भी ठीक हूं। फिर मैंने उससे पूछा की कल क्या किया। उसने कहा कल। कल कुछ खास नहीं किया। सिर्फ क्लास से घर चली गयी। उसने कहा हां पता है, कल मैडम ने मुझे और मेरी कर्जन को डांटा। मैंने कहा क्यों? उसने बताया क्योंकि वो ठीक से नहीं पढ़ा रही इसलिए हमने उसकी शिकायत ''हैड'' से कर दी। तो वो इसी बात से नाराज थी कि अगर तुमको मुझसे कोई प्रोब्लम है तो पहले मुझसे कहो उसके बाद ऊपर शिकायत किया करो।''

फिर उसने पूछा और तुम बताओ कैसे हो। मैंने कहा वैसा ही हूं। फिर उसने कहा कि ''हां मैं कल थोड़ी देर के लिए नेट पर आई थी, भाई ने ही थोड़ी देर के लिए जोड़ा था। तो मैंने तुमको 'ऑरकुट' से एक र्स्कब किया है। पता नहीं तुम तक पहुंचा है कि नहीं। मैंने कहा ठीक है मैं चैक कर लूंगा। उसने एक स्क्रब भेजा था- ''हाय हाओ आर यू, आज ही खोला और स्क्रब किया, बाकी सब बाद में........।'' फिर मैंने उसको कहा कि पता है आज मैं क्या सोच रहा था कि तुम मुझसे पूछोगी कि तुमने कल क्या किया। तो मैं तुमको बताऊंगा कि कल मैंने क्या किया। उसने कहा अच्छा तो बताओं कल क्या किया। मैंने उसको कल की पूरी पोस्ट पढ़कर सुना दी। उसने कहा कि तुम बहुत अच्छा लिखते हो मैं इतना अच्छा नहीं लिख सकती। तुम्हारी शायरी बहुत अच्छी है। मैंने कहा 'जान' मुझे कोई शायरी, वायरी नहीं आती सिर्फ जो बात मेरे दिल में आती है वो मैं वैसे ही बयां कर देता हूं। कल की पूरी पोस्ट खत्म करने के बाद आखिर में मैंने उसे गीत की दो लाईने गाकर सुनाई- 'जान' तेरा नाम लिया, तुझे याद किया, तुझे याद किया तेरा नाम लिया.................. ओ हो... हो... तेरा नाम लिया। ये सुनकर वो जोर-जोर से हंसने लगी। और वो भी कहने लगी हां मैंने भी तुमको बहुत याद किया। फिर उसने मुझसे कहा कि 'जान' तुम भी बागबान फिल्म में अमिताभ बच्चन की तरह किताब लिखकर फेमस हो जाओगे। मैंने उससे कहा जान मुझे कोई किताब-विताब नहीं छपवानी। मैं तो सिर्फ तुमसे शादी करके तुम्हारे साथ रहना चाहता हूं। तुम्हारे करीब रहना चाहता हूं। उसने कहा हां शादी भी हो जाएगी। अब मैं चलूं कल फोन करूंगी। मैंने कहा 'जान' कल तो तुम्हारी छुट्टी होगी। क्योंकि कल तो क्रिसमस है। उसने कहा अरे हां मैं तो भूल ही गई। चलो मैरी क्रिसमस, मैंने भी उसे मैरी क्रिसमस कहा। फिर उसने कहा चलो तो मैं परसो तुमको फोन करूंगी।

मैंने कहा ठीक है 'एस यू विश' जब तुम्हारा मन करे कर लेना। उसने कहा प्लीज तुम नाराज मत होया करो। मैंने कहा मैं नाराज नहीं हूं। उसने कहा नहीं तुम हो। मैंने उसको फिर से यही की 'जान' मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं। मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकता। पता नहीं तुमको मेरे प्यार पर यकीन क्यों नहीं होता है। मैं तुमको सच्चा प्यार करता हूं। उसने कहा मुझे मालूम है तुम मुझे कितना प्यार करते हो मैं भी तुमको उतना ही प्यार करती हूं। अब मैं भी तुमको कैसे यकीन दिलाऊं। मैंने उससे कहा जान देखो तुम मेरा साथ मत छोड़ना मुझसे ही शादी करना किसी और से नहीं। उसने कहा हां जान मैं तुमको कभी नहीं छोडूंगी तुमसे ही शादी करूंगी किसी और से नहीं। मैंने कहा जान जिस दिन तुमने मुझे छोड़ा वा दिन मेरी जिन्दगी का आखरी दिन होगा। उसने कहा तुम प्लीज फिर से ऐसी बातें मत करो। मैंने कहा मैं सच कह रहा हूं। अब चलो तुम क्लास जाओ लेट हो जाओगी। और अपना ख्याल रखना खाना टाईम से खाना और मेडीसन टाईम से लेना। उसने कहा तुम भी अपना ख्याल रखना। मैंने कहा जान मैं तो आजकल बिल्कुल भी अपना ध्यान नहीं रखता। 'यू नो' परसो 2 हफ्ते में अपने शेविंग कि वो भी जब, जब कि मम्मी और कई जनो ने टोका कि तुमने इतनी शेविंग क्यों कर रखी है। उसने भी मुझे कहा 'जान' तुम अपना ख्याल रखा करो और शेविंग कर लिया करो मुझे बढ़ी हुई शेविंग पसंद नहीं है। फिर उसने मुझे कहा चलो अब मैं चलती हूं परसो बात करेंगे फिर उसने मुझे 'आई लव यू' कहा और मैंने भी फिर दोनों ने फोन पर किस किया और 'आई लव यू' कहकर फोन रख दिया।

2 comments:

Vinay said...

तू सी छा गये

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http://prajapativinay.blogspot.com/

Ram Krishna Gautam said...

Kaise kahoon ki dilko teri zustzoo nahi... ye aur baat hai ki meri qismat me too nahi...