कल से दुविधा में हूं, कुछ समझ नहीं आ रहा है। मैं जितना उस पर विश्वास रखने की कोशिश करता हूं। उतना उस पर से विश्वास कम होता जाता है। हर बार वो कुछ न कुछ ऐसा कर देती है, जिससे की मुझे सोचने पर मजबूर हो जाना पड़ता है कि जो ये कह रही है वो सच है कि झुठ। क्या अब वो मुझ पर ट्रस्ट नहीं करती? क्या अब उसको मुझ पर बिल्कुल भी यकीन नहीं रहा। प्यार का आधार ही विश्वास होता है। अगर उसका विश्वास मुझपर से उठ गया है तो इसका मतलब शायद वो मुझे प्यार भी नहीं करती है। पर मुझसे सच भी नहीं बोलती है। हर बार यही कहती है कि 'जान' मैं तुमसे अभी भी प्यार करती हूं। मुझे तुमपर पूरा ट्रस्ट है। पर ये ऐसी पहेली बन गई है कि मैं इसको जितना सुलझाने की कोशिश करता हूं, उतना ही इसमें उलझ जाता हूं। कल एक मित्र ने सलाह दी कि तुम्हारी आत्मा से ज्यादा उसको और तुमको कोई प्यार नहीं करता तो तुम अकेले में चिंतन करो। तो कल पूरा दिन और रात इस बात पर चिंतन किया सोचा कि क्या करूं। वैसे कल घर जाकर उसने भी दो मैसेज दिए। उसने लिखा कि-
'' 'जान' प्लीज मुझे गलत मत समझो मैं ...............तुम हैल्प नहीं करोगे तो कौन करेगा। 'जान' मैं बताती पर याद नहीं रहा। मैंने कुछ जान के नहीं किया Sorry प्लीज गुस्से में तुमने फोन भी काट दिया। प्लीज गुस्सा मत होना। कॉल यू ऑन मन्डे। 'आई लव यू'। 'आई ट्रस्ट यू'।''
और दूसरे मैसेज में लिखा कि-
'' 'जान' प्लीज गुस्सा मत हो मुझे तुमपे पूरा विश्वास है। सुबह से तुम्हारे बारे में सोच रही हूं, तुम्हें मिस कर रही हूं। 'आई लव यू' Sorry फॉर दट' पर जान मुझे सच्ची में याद नहीं रहा बताना Sorry Again 'आई लव यू'।''
उसका मैसेज पढ़कर मुझे उस पर विश्वास करने का मन कर रहा है। हो सकता है वो सच कह रही हो। खैर अगर वो झुठ भी कह रही है तो भी मैं उस पर विश्वास करूंगा। मैं देखना चाहता हूं कि मेरा प्यार जीतता है या फिर कि उसका झुठ। मुझे मेरे प्यार पर पूरा विश्वास है।
हम तो अपने प्यार के विश्वास पर आगे बढेग़ें। बाकी जैसी भगवान की मर्जी। मैं उसको ये बताना चाहता हूं कि मेरा प्यार ओस की वो बूंद नहीं है जो कि सूरज की कुछ किरणे पड़ने से पिघल कर बह जाए। और मैं ये भी देखना चाहता हूं कि प्यार में फना होना कैसा लगता है। इस प्यार में या तो हम पूरे सफल होंगे या तो पूरे फना।
जान मैं तुम पर पूरा विश्वास करूंगा। तुम चाहे मुझ पर विश्वास करो या न करो। क्योंकि हम उन प्यार करने वालों में से हैं। जो एक बार जीते हैं और एक बार ही मरते हैं और प्यार भी एक बार ही करते हैं। इस दिल के अंदर सिर्फ तुम्हारी ही तस्वीर बसी है। जिसकी हम रोज पूजा करते हैं। और हर वक्त हमारी जबान बर एक ही नाम होता है। और वो नाम है मेरी 'जान' का। 'आई लव यू' 'जान' 'आई लव यू'
Saturday, December 27, 2008
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