पिछले तीन दिनों से दिल को कुछ हल्का महसूस हो रहा है। जबसे उसने मुझसे शादी करने का वादा किया है। कल भी मैं उसके फोन का वेट कर रहा था। कल मुझे बेचैनी नहीं हो रही थी। क्योंकि मुझे लग रहा था कि वो फोन जरूर करेगी। 10:26 पर उसका फोन आया। मैंने फोन पिक किया और उसे 'हाय' कहा उसने भी 'हाय' कहा। वो कहने लगी क्या हुआ आज भी गुस्से में हो क्या। मैंने कहा नहीं तो तुमको तो मैं हमेशा गुस्से में ही लगता हूं। 'जान' अभी तो मैं तुमसे इतने प्यार से बात कर रहा हूं और तुमको अभी भी गुस्से में लग रहा हूं जब गुस्से में बात करूंगा तो पता नहीं तुमको क्या लगेगा। ये सुनकर वो 'हंसने' लगी।
उसकी हंसी सुनकर मेरे दिल को भी अच्छा लगा। फिर उसने कहा बताओ क्या कर रहे हो। मैंने कहा कुछ नहीं तुम्हारे फोन का ही वेट कर रहा था। उसने कहा तुम आज हंसते हुए अच्छे लग रहे हो। मैंने कहा हां मैं भी हंसना चाहता हूं पर तुमसे दूर रहकर मुझे कुछ भी अच्छा नहीं लगता है। मैं बस तुम्हारे साथ रहना चाहता हूं। उसने कहा हां मुझे भी तुमसे दूर रहकर अच्छा नहीं लगता। मुझे भी तुम्हारी याद आती है। फिर मैंने उससे पूछा कि तुम कैसी हो अब तुम्हारा जुकाम कैसा है उसने कहा अब ठीक है। पर यहां ठण्ड बढ़ गई है और बारिश भी होने वाली है। और मुझे ठण्ड भी ज्यादा लगती है। मैंने उससे कहा तुमने ठीक से कपड़े पहने हैं ना उसने कहा हां दो स्वेटर और एक क्रीम कलर की जैकेट पहनी है। मैंने कहा 'जान' तुम अपना ख्याल रखना और प्रोपर कपड़े पहनकर बाहर निकला करो नहीं तो सर्दी लग जाएगी। उसने कहा हां तुम भी अपना ख्याल रखना।
फिर मैंने उससे पूछा की जान तुम पक्का मुझसे शादी करोगी ना। उसने कहा हां पर तुम मुझसे वादा करो की तुम मुझसे हमेशा सच बोलोगे। कभी मजाक में भी मुझे झुठ नहीं बोलोगे। मैंने उससे कहा कि जान जैसा तुम कहोगी मैं वैसा ही करूंगा। फिर मैंने उससे कहा कि 'जान' मैं तुमको परेशान नहीं करना चाहता था। मैं भी तुमको भूल जाना चाहता था पहले मैंने यही सोचा था कि जब तुमको मेरी परवाह नहीं तो मैं भी तुम्हारी परवाह क्यों करूं पर मुझसे ये नहीं हुआ। मैं जितना तुमको भूलाने की कोशिश करता तुम्हारी और ज्यादा याद आती गई और मैं अपने को नहीं रोक पाया। बस हर पल यही लगता है कि भागकर तुम्हारे पास आ जाऊं। फिर उसने कहा क्या तुमको ये लगता है कि मुझे तुम्हारी परवाह नहीं है। अगर तुम्हारी परवाह न होती तो मैं रोज-रोज एसटीडी पर आकर तुमसे बात न करती। मैंने कहा नहीं जान मुझे कुछ नहीं पता मुझे क्या हो गया है। पर मैं तुमसे दूर नहीं रह सकता। मुझे तुम्हारे साथ रहना है। उसने कहा हां जान मैं तुम्हारे साथ ही हूं और तुम्हारे पास ही रहूंगी। पर उसने मुझसे पूछा की क्या तुम मेरे लिए 2-3 साल तक और वेट कर सकते हो मैंने उससे कहा कि जान मैं तुम्हारे लिए जिन्दगी भर वेट कर सकता हूं। बस तुम ये बोलो की तुम हमेशा मेरा साथ दोगी। उसने कहा हां दूंगी।
मैंने कहा 'जान' मैंने अगर अपनी लाईफ में सबसे ज्यादा अगर किसी की परवाह कि है तो वो सिर्फ तुम्हारी। और इस बात का सबूत है कि मैं पिछले तीन महीनों से जबसे तुम्हारे घरवालों को हमारे बारे में पता चला है और तुम्हारा मोबाइल तुमसे लिया और जबसे हमारी बातचीत बंद हुई है मैं तब से आज तक सो नहीं सका हूं। और जितनी बेचैनी मुझे तीन महीने पहले थी उतनी ही बेचैनी अभी भी है और अगर मेरी बात में जरा भी झुठ हो तो मेरी अभी 'जान' निकल जाए। उसने कहा तुम फिर से मरने की बातें करने लगे। अगर अब तुमने फिर से मरने की बात की तो मैं फोन काट दूंगी। मैंने कहा जान मैं सच कह रहा हूं। तुमसे अलग और दूर रहकर मैं जिंदगी की कल्पना भी नहीं कर सकता हूं। उसने कहा मुझे पता है कि तुम सही हो और मुझसे सच्चा प्यार करते हो और मैं ये भी जानती हूं कि तुम मुझे बहुत खुश रखोगे। मैं भी तुम्हारे साथ रहना चाहती हूं। पर अभी थोड़ा वेट करना पड़ेगा। मैंने उससे कहा 'जान' मैं तुम्हारा जिन्दगीभर वेट करूंगा। बस तुम मुझसे वादा करो की तुम मेरा साथ दोगी। कहीं अपनी फैमली के प्रेशर में आकर मुझे छोड़ तो नहीं दोगी। उसने कहा हां मैं तुम्हारा साथ दूंगी। फिर उसने कहा चलो अब मैं चलती हूं अब सोमवार को तुमसे बात करूंगी। मैंने कहा ठीक है मैं वेट करूंगा। तुम अपना ख्याल रखना और मेडीसन टाईम से लेना और खाना-पीना टाईम से खाना। उसने कहा और तुम भी अपना ख्याल रखना। मैंने कहा हां ठीक है। 'आई लव यू' 'जान' उसने भी कहा 'आई लव यू' और 'टेक केयर ऑफ यूवर सेल्फ'। मैंने कहा 'आई मिस यू जान' उसने भी कहा 'आई मिस यू टू' 'बॉय' 'लव यू' और फिर फोन कट गया।
Saturday, December 20, 2008
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2 comments:
भाई अब गाडी लाईन पर आ रही हे जरा सोच विचार कर गुस्सा करना कहीं तुमको एंग्री यंगमैन का नाम ना दे दिया जाए
phone kafi jaldi kat gaya..
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