Tuesday, March 17, 2009

"तेरी आंखों की चमक..."


तेरी आंखों की चमक ऐसी,

जैसे अंबर में चमके तारा,

तेरे चेहरे का नूर ऐसा,

जैसे चांद का जन्म दुबारा,

तु बंद आंख का ख्वाब,

या जन्नत का कोई नजारा।

3 comments:

Anonymous said...

sunder ehsaas.

दिगम्बर नासवा said...

बहोत खूब सुंदर अभिव्यक्ति है

Udan Tashtari said...

बढ़िया!!