अजब शाम खड़ी है कहीं से आ जाओ,
बड़ी उदास घड़ी है कहीं से आ जाओ,
किसी से मिलना और मिल के बिछड़ जाना,
सजा ये इतनी बड़ी है कहीं से आ जाओ,
बड़ा कठिन है ये जुदाई का मौसम,
जुदाई बोल पड़ी है कहीं से आ जाओ,
जमाना जिसे समझता है मोतियों की चमक,
वो आंसू की लड़ी है कहीं से आ जाओ...
बड़ी उदास घड़ी है कहीं से आ जाओ,
किसी से मिलना और मिल के बिछड़ जाना,
सजा ये इतनी बड़ी है कहीं से आ जाओ,
बड़ा कठिन है ये जुदाई का मौसम,
जुदाई बोल पड़ी है कहीं से आ जाओ,
जमाना जिसे समझता है मोतियों की चमक,
वो आंसू की लड़ी है कहीं से आ जाओ...
7 comments:
जमाना जिसे समझता है मोतियों की चमक,
वो आंसू की लड़ी है कहीं से आ जाओ...
Waah !!! Sundar rachna..
जमाना जिसे समझता है मोतियों की चमक,
वो आंसू की लड़ी है कहीं से आ जाओ...
behad sunder waah
बहुत उमदा है
bahut badhiya. abhaar.
वाह बहूत खूब है आपका अंदाज़े बयाँ
जमाना जिसे समझता है मोतियों की चमक,
वो आंसू की लड़ी है कहीं से आ जाओ...
जब आप उसके प्रति इतने कोमल भाव रखते हैं तो जरूर चाहेंगे कि वो खुश रहे। मुझे लगता है कि वो आपकी इस हालत को देखकर खुश नहीं होगी।
अच्छे बच्चे की तरह किसी ऐसी लड़की को ढूँढिए जो आपको भी प्यार करे और साथ देने के लिए आपकी जिन्दगी में शामिल हो जाय। यानि आपसे शादी कर ले।
फिर देखिए आपकी जिन्दगी खिल उठेगी। आपकी कलम से मुस्कान के बोल निकलेंगे, आँसू के नहीं। फिर तो वो भी खुश हो लेगी, जहाँ भी होगी।
Malaya जी आप की सलाह के लिए बहुत बहुत शुक्रिया पर अब इस दिल में और इस जिन्दगी में कोई और नहीं आ सकता और ना ही कोई और उसकी जगह ले सकता है! और मैं जानता हूँ की वो भी मेरे बिना नहीं रह सकती एक ना एक दिन वो मेरे पास जरूर आएगी और तब तक मैं उसका वेट करूंगा!
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