Monday, March 23, 2009

"तेरी याद आती है..."


जब चांदनी बढ़ कर, रातों पे छाती है,


तेरी याद ऐसे में दिल को तड़पाती है,


किस्से वो बहारों के, बीते नजारों के,


फिर आ के सुनाती है, और हम को रूलाती है,


तेरी याद बहुत आती है......

6 comments:

अनिल कान्त said...

यादें याद आती हैं ...बातें भूल जाती हैं


मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति

Anonymous said...

khubsurat waah

रवीन्द्र प्रभात said...

भावनात्मक अभिव्यक्ति ....!

RAJNISH PARIHAR said...

bahut hi achhi ..rachnaa....yaaden kahan peechha chhodti hai...

दिगम्बर नासवा said...

वाकई याद दिल को तडपाती है......
बहूत खूब

samer pal singh said...

yaad ek mansik abhivyakti hai jise samajhna asan baat nahi hai....