Thursday, March 26, 2009

"रोना भी जो चाहूं तो वो रोने नहीं देता"


रोना भी जो चाहूं तो वो रोने नहीं देता,
वो शक्स तो पलके भी भिगोने नहीं देता,

वो रोज रूलाता है हमें ख्वाब में आकर,
सोना भी जो चाहें तो सोने नहीं देता,


ये किसके इशारे पे उमड़ आए हैं बादल,
है कौन जो बरसात भी होने नहीं देता,

आता है ख्यालों में मेरे क्यूं ये अक्सर,
जो मुझको किसी और का होने नहीं देता,


मैं हूं कि बहाता हूं तेरी याद में आंसू,
तु है के आंसू को पिरोने भी नहीं देता,

वो चेहरा अजब है जिसे पाकर मैं अभी तक,
खोना भी चाहूं तो खोने नहीं देता.

3 comments:

Anonymous said...

sunder, ehsaaso ko bahut achha bayan kiya hai badhai

दिगम्बर नासवा said...

ये किसके इशारे पे उमड़ आए हैं बादल,
है कौन जो बरसात भी होने नहीं देता,

सुभान अल्ला ...
क्या बात लिख दी है

ghughutibasuti said...

बहुत बढ़िया !
घुघूती बासूती