
चले गए हो दूर कुछ पल के लिए,
दूर रहकर भी करीब हो हर पल के लिए,
कैसे याद न आए आपकी एक पल के लिए,
जब दिल में हो आप हर पल के लिए।





जान तुम्हारे बिना नहीं रह सकता। कल का पता नहीं क्या होगा। बस बार-बार भगवान से यही दुआ कर रहा हूं कि भगवान मेरा साथ देना तुमसे मेरा मिलन करा देना। जान तुमसे जुदा होकर नहीं रह पाउंगा। प्लीज मेरा साथ कभी मत छोड़ना। जान मेरी बस यही तमन्ना है कि अगर मेरी मौत भी हो तो वो तुम्हारी बाहों में ही हो। आखिर में तुमसे यही कहना चाहता हूं कि आई लव यू। मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं। तुमको बहुत मिस करता हूं।
तुझे देखा तो ये जाना सनम,
प्यार होता है दीवाना सनम,
अब यहां से कहां जाएं हम,
तेरी बांहों में मर जाएं हम।
पता नहीं इसको खुशी कहूं या गम कुछ समझ नहीं आ रहा है। कल सुबह ही उससे बात की थी। और वो भी बहुत खुश थी। और उसने कहा था कि वो दोपहर को मुझसे बात करेगी। पर 2 बजे तक भी जब उसका फोन नहीं आया तो हमेशा की तरह मेरी बेचैनी फिर से बढ़ गई। मैंने उसके मोबाइल पर फोन किया। पर बैल बज कर कट गया। थोड़ी देर बाद उसका एक मैसेज आया उसमें उसने लिखा था- ''जान आज क्लास देर से खत्म हुई थी और उसके बाद कर्जन बाहर आकर बातें करने लगी इसलिए तुमको बता नहीं सकी अब घर आ गई हूं, तुम खाना खा लेना।'' मुझे मैसेज पढ़कर थोडा सुकून मिला।
कल दोपहर 1 बजे तक जब उसका कोई मैसेज नहीं आया तो मेरी बेचैनी फिर से बढ़ गई। क्योंकि जैसाकि सुबह मैंने उससे बात की थी उसने बताया था कि आज वो शॉप पर जाकर अपना मोबाइल रिचार्ज करवाएगी। क्योंकि इतने दिनों से उसके मोबाइल से न तो मेरे मोबाइल पर कॉल हो पा रही है न ही मिस कॉल। सिर्फ मैसेज ही हो पाते हैं। क्योंकि अपने भाई को उसने दो बार रिचार्ज के लिए पैसे दिए पर उसने एक बार भी रिचार्ज नहीं करवाया और बोल दिया कि मैंने रिचार्ज करवा दिया। इसलिए मैंने उसको बोला कि तुम खुद जाकर अपना रिचार्ज करवाओं उसकी बातों में मत आना वो झुठ बोल रहा है। इसलिए जब क्लास के बाद 1.20 तक भी उसका कोई मैसेज नहीं आया तो मेरी टेन्शन बढ़ने लगी मैंने उसे दुबारा कॉल की पर उसने नहीं उठाया। ऐसे ही मेरे 4-5 बार कॉल करने पर भी कोई रिस्पोंस नहीं मिला। अब मेरी घबराहट और बढ़ गई क्योंकि ऐसा कभी नहीं हुआ कि वो मेरा फोन पिक न करे। उसके 10 मिनट बाद मैंने जब फिर से नम्बर मिलाया तो वो Switch Off बताने लगा। बस उसके बाद तो मेरी हालत खराब हो गई आंखों के आगे अंधेरा छाने लगा। दिल की धड़कने अचानक इतनी तेज चलने लगी जैसी शताब्दी ट्रेन। इतनी ठण्ड के बावजूद अचानक पूरा शरीर पसीने से भीग गया। जमीन ऐसे लगने लगी जैसे की घूम रही हो। एक जगह आराम से बैठने का भी मन नहीं कर रहा था। और मैं इधर उधर पागलों की तरह घूमने लगा पर कहीं भी मुझे चैन नहीं मिला। लंच का टाईम हो रहा था पर मुझे कुछ भी खाने या पीने का मन नहीं कर रहा था। मुझे बस ये लग रहा था कि किसी तरह उससे एक बार बात कर लूं उसका कोई मैसेज आ जाए। मन में तरह-तरह के विचार आने लगे। कहीं उसका मोबाइल उसके घर वालो के पास तो नहीं चला गया। कहीं फिर से उसके घरवालों को सब कुछ पता तो नहीं चल गया। कहीं हम फिर से तो हमेशा के लिए अलग नहीं हो जाएंगे। बस यही सब सोच-सोचकर मेरा दिल बैठा जा रहा था। जीने की इच्छा खत्म सी होती जा रही थी। उन कुछ पलों मैं पता नहीं मैं कितनी बार मरा। तभी कुछ मिनट बाद उसका मैसेज आया उसने लिखा कि-
कल मकर सक्रांति की छुट्टी थी पर घर पर मन नहीं लग रहा था। उसकी भी कल इंस्ट्टीयूट की छुट्टी थी। इस कारण बात होना भी मुश्किल था। पर कल उसका एक जगह इंटरव्यू था। ये उसने मुझे परसो ही बता दिया था। इंटरव्यू के कारण वो बहुत Tense थी मैंने उसका Resume बनाकर उसको send कर दिया था जिसका प्रिंट उसने कल दोपहर में निकलवा लिया था। उसका पहला इंटरव्यू था इस कारण वो काफी परेशान थी। मैंने उसे प्यार से समझाया कि जान इंटरव्यू ही तो है इसमें इतना घबराने की कौन सी बात है। तुम परेशान मत हो सब ठीक हो जाएगा। पर उसकी एक परेशानी और थी कल वो अपनी मम्मी की घड़ी पहनकर गई थी क्योंकि उसकी घड़ी खराब थी। और वो घड़ी उससे कहीं गुम हो गई। उसने मुझे फोन पर बताया कि जान मम्मी की घड़ी मुझसे गुम हो गई है। और घर जाकर मुझे बहुत डांट पड़ेगी। मैंने कहा कि घड़ी ही तो थी। गुम हो गई तो हो जाने दो इसमें तुम्हारी क्या गलती है। तुम परेशान मत हो और ठीक से इंटरव्यू के लिए जाओ।
'जान हैप्पी लोहड़ी यू टू' जान आज सुबह तुम्हारा मैसेज आया मुझे अच्छा लगा। पता है पहले तुम्हारे फोन का इंतजार करता था। पर अब तो तुम्हारे मैसेज का भी वेट करने लगा हूं। मुझे याद है पहले हम एक दूसरे को इतने मैसेज दिया करते थे कि लगता था कि पूरे दिन एक-दूसरे के साथ हैं। पर आजकल तो ये सब भी कम हो गया है। मुझे पता है कि मैं तुमको अब मैसेज नहीं दे पाता हूं। पर जान इसका मतलब ये मत समझना की मेरा प्यार कम हो गया है। बस मुझे डर लगा रहता है कि कहीं तुम्हारे घर में फिर से किसी को पता न चल जाए। अब मैं तुमको दुबारा से खोना नहीं चाहता। पता है मुझे फिर से वही खुशी महसूस होने लगी है जैसी पहले तुम्हारा फोन या मैसेज आने पर हुआ करती थी। अब भी मैं उतनी ही बेचैनी से तुम्हारे मैसेज का वेट करता हूं। मुझे याद है तुम पहले Good Morning मैसेज किया करती थी। पर तब तक तो मैं नहा-धोकर पुजा कर रहा होता था। और पुजा पूरी करने के बाद तुम्हारा मैसेज पढ़ता था। पता है आज भी 8 बजे तक तुम्हारा मैसेज नहीं आया तो दिल में फिर से घबराहट होने लगी। और जब मैं नहा कर बाहर आया तो तब भी तुम्हारा मैसेज नहीं आया था। जान पता है इस बीच मेरा पूरा ध्यान बार-बार मेरे मोबाइल पर ही जा रहा था। बार-बार जाकर देखता था कि कहीं अब तो तुम्हारा मैसेज नहीं आ गया। और इस बीच जब तक मैंने कपड़े पहने तब तक तुम्हारा मैसेज भी आ गया। मुझे पता नहीं चला क्योंकि आजकल मोबाइल को बिल्कुल साइलंट मोड पर ही रखता हूं। और मैंने मैसेज पड़ते ही तुमको मिस काल दी। मैसेज में लिखा था:-
कुछ बातों को लेकर कई दिनों से मेरी उससे फिर से नोकझोक हो गई। तीन दिन पहले उसका मोबाईल उसे मिल गया। मैं बहुत खुश था। वीरवार को उसने मुझे ये बात बताई पर उस दिन उसका मोबाइल एक्टिव नहीं हुआ था। हम दोनों काफी एक्साईटिड थे। मैंने उससे बोला कि जान क्या तुम कल भी (शुक्रवार) को भी फोन करोगी। उसने कहा हां जान मैं एसटीडी से तुमको कॉल करूंगी। मैंने कहा ठीक है मैं तुम्हारा वेट करूंगा। पर वीरवार की शाम को चैट पर उसने मुझे बताया कि जान मैं कल तुमको फोन नहीं कर पाउंगी क्योंकि मेरी क्लास की छुट्टी है। इंस्ट्टीयूट का कोई प्रोग्राम है। ये सुनकर मुझे अच्छा नहीं लगा। पर उस समय मुझे एक पल के लिए भी ऐसा नहीं लगा कि वो मुझसे झुठ बोल रही है। मैंने उससे सिर्फ इतना कहा कि जान तुमसे बात करने का बहुत मन कर रहा था। उसने भी कहा हां मेरा भी मन था पर क्या करूं।
जान कल ही तुमसे बात की है पर ऐसा क्यों लग रहा है कि पता नहीं कितना टाईम हो गया तुमसे बात किए। जान इन कानों को तुम्हारी आवाज सुनने की आदत सी हो गई है। एक दिन भी अगर ये तुम्हारी आवाज न सुने तो पूरा दिन सूना-सूना सा जाता है। मुझे पता है कि आज तुम्हारा फोन नहीं आएगा जैसा की तुमने कल मुझे शाम को चैट से बताया था। क्योंकि आज तुम्हारी छुट्टी है। और हां जान कल जब तुम दुबारा चैट पर आई तो मैं उस वक्त अपनी सीट पर नहीं था। किसी काम से दूसरे रूम में था। I am sorry जान तुमसे दुबारा चैट नहीं कर पाया। जब आया तो देखा कि तुम तब तक जा चुकी थी। सिर्फ तुम्हारे मैसेज मिले। जान पता नहीं क्यों ये दिल मानने को तैयार नहीं है कि आज तुम नहीं आओगी। आज तुम फोन नहीं करोगी और आज मैं तुम्हारी आवाज और हंसी नहीं सुन पाउंगा। मैं तो रोज की तरह अपने उसी शेडयूल से सुबह उठा, नहा-धोकर पुजा की और नाश्ता करके घर से ऑफिस के लिए निकल गया। और रोज की तरह तुम्हारे फोन का वेट कर रहा हूं। पता है आज तुम नहीं आओगी पर फिर भी कर रहा हूं। पता नहीं दिल कहता है कि तुम अभी फोन करोगी और हंसते हुए कहोगी 'हाय' जान लो मैं आज फिर आ गई। तुम कैसे हो? और क्या कर रहे हो। मेरा भी मन नहीं लग रहा था। तुमसे बात करने का मन कर रहा था। मैं भी तुमसे एक दिन भी बात न करू तो मुझे कुछ अच्छा नहीं लगता।
आज मैं बहुत खुश हूं। पर इस खुशी में एक डर भी छुपा है कि कहीं इन खुशियों को फिर से किसी की नजर न लग जाए। आज कल तो खुशियों से भी डर लगने लगा है। ऐसा लगता है जैसे खुशियां मेरे साथ आंख-मिचौली का खेल, खेल रहीं हैं। एक पल के लिए मेरा दामन खुशियां से भर देती हैं और दूसरे ही पल मुझसे सब कुछ छीन लेती हैं। कल जब उसका फोन आया तो उसने मुझे एक 'गुड न्यूज' दी की जान मेरा मोबाईल मिल गया है पर नम्बर अभी नहीं मिला है। मुझे भी सुनकर बहुत खुशी हुई पर मैंने उस खुशी को अपने दिल में दबा लिया उसके ऊपर जाहीर नहीं होने दिया। क्योंकि मैंने महसूस किया है कि जब-जब मैं इस खुशी को जाहीर करता हूं तब-तब खुशियां मुझसे रूठ जाती हैं।
आज दिल को बहुत सुकून मिल रहा है। ऐसे लग रहा है कि जैसे बरसो से किसी के इंतजार में बैठे कसी नाउम्मीद को उम्मीद की एक किरण मिल गई हो। पिछले दो दिन ऐसे गुजरे जैसे किसी ने सजा-ए-कालापानी की सजा दे दी हो। ऐसी अनवरत सजा जिसका की पता नहीं कब खत्म होगी। पर शायद भगवान को मुझ पर जल्दी दया आ गई और उसने इस सजा-ए-कालापानी की सजा से मुक्त करा दिया। उसने दुबारा अपना विश्वास मुझ पर बनाया है। पहले डर लग रहा था कि पता नहीं मैं उस पर विश्वास कर भी पाउंगा या नहीं। पर अब उसकी बातों से और उसकी बेताबी को देखकर ऐसा लगता है कि वो अभी भी मुझे चाहती है और मुझे खो देने के डर से सहम जाती है।
कुछ दिनों से मन में कुछ कशमकश सी चल रही थी। उसने फिर से कुछ बातें छुपाने की कोशिश की और मुझसे झुठ बोला। पर कहते हैं ना की झुठ की उम्र बहुत लम्बी नहीं होती। ठीक वैसे ही उसका झुठ भी एक दिन में ही खुल गया। लेकिन उसके उस झुठ ने मेरे पैरों के नीचे से जमीन खिसका दी। ऐसा लगा कि किसी ने बिजली का झटका दे दिया हो। मुझे खाई के पास ले जाकर पीछे से उसमें धक्का दे दिया हो। ऐसा अहसास हुआ कि किसी ने जीवन भर का साथ निभाने का वादा देकर बीच रास्ते में ही साथ छुडा लिया हो।
'हाय जान प्लीज गुस्सा मत हुआ करो 'आई लव यू' कल रात 10.10 मिनट पर उसका ये 1 लाईन का मैसेज आया। आप विश्वास नहीं करेंगे उसके इस एक लाईन के मैसेज को पढ़कर मेरे दिल को कितना सुकून मिला। ऐसा लगा किसी डूबते को तिनके का सहारा मिल गया हो। यानी उसके दिल में अभी भी मेरे लिए प्यार है। मेरे गुस्सा करने से उसको भी कुछ महसूस होता है। यानी उसको भी मेरी परवाह है। बस ऐसा मन कर रहा था कि बार-बार उस मैसेज को पढूं। रात को 2.30 बजे भी मोबाईल उठाकर उस मैसेज को दुबारा पढ़ा और मोबाइल को अपने तकिये के नीचे रखकर लेट गया जैसे पहले किया करता था। ऐसा महसूस हुआ कि शायद वो पुराने दिन वापिस लौट आए हैं।
3 दिन का इंतजार आज जाकर टूटा विश्वास आज भी नहीं था कि वो फोन करेगी। पर फिर भी रोज की तरह आदत पड़ गई है उसका वेट करने की इसलिए उसका वेट किया। और घर से जल्दी निकल गया। और जल्दी ही ऑफिस पहुंच गया और फोन का वेट करने लगा इस बार वादे के अनुसार उसने 10.14 मिनट पर फोन किया। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि आज मैं उसको क्या कहूंगा।
आज अपनी किस्मत पर बहुत गुस्सा आ रहा है। आखिर मैंने ही कौन से पाप किए हैं कि ये सब मेरे साथ होता है। जो सोचता हूं। जैसा चाहता हूं। हमेशा उसका उल्टा ही होता है। आज भी उसने फोन नहीं किया। ये दो दिन मेरे लिए कैसे निकले हैं कोई भी इनका अन्दाजा नहीं लगा सकता। दो दिन दो जन्मों के समान लग रहे हैं। आज 1 जनवरी है। मैं सोच रहा था कि आज तो वो जरूर फोन करेगी। मैं साल का पहला दिन उसकी आवाज सुनकर शुरू करना चाहता था। और इसके लिए मैं अपने घर से भी जल्दी निकल गया। वो भी सुबह-सुबह मम्मी से झगड़ा करके। मम्मी आज सुबह-सुबह नए साल पे मेरे लिए हलवा बनाकर मुझे खिलाना चाहती थी। पर मैं टाईम कम होने के कारण उनसे झगड़ा कर बैठा और साल के पहले ही दिन उनका भी दिल दुखा दिया। फिर भाई से भी झगड़ा कर लिया। ये सब किसलिए सिर्फ उससे बात करने के लिए। क्योंकि रात को उसका मैसेज आया था:- ''Hi Jaan Happy New Year in advance will talk 2 you tomorrow I Love You" इसलिए घर से जल्दी निकलना चाहता था। पूरी रात जागता रहा उसी के ख्यालों में खोया रहा। सुबह सबसे पहले उठ कर अपना मोबाईल देखा और उसका फोटो देखकर उसे 'किस' किया और उसे Happy New Year कहा। फिर सबसे पहले उठकर नहा-धोकर पुजा भी कर ली। तब तक मम्मी भी मन्दिर से आ गई। मैंने मम्मी को कहा जल्दी से नाश्ता दे दो और खाना पैक कर दो मुझे जाना है। और इसी बात पर मेरा मम्मी से झगड़ा हो गया। थोड़ा लेट तो हो ही चुका था। फिर भी जल्दी भागता हुआ घर से निकला और जैसे-तैसे ऑफिस पहुंचा। तब तक काफी देर हो गई थी और रास्तेभर में मेरा पूरा ध्यान मेरे मोबाईल पर ही था। रास्ते में बार-बार उसे जेब से निकाल कर देखता था कि कहीं उसका फोन न आ जाए। फिर जेब से निकालकर हाथ में ही पकड़ लिया। तब तक 10.30 बज गए थे अब दिल में एक अजीब सी घबराहट होने लगी और मैं समझ गया कि अब उसका फोन नहीं आयेगा। ऑफिस आकर मायूस होकर जैसे ही अपनी सीट पर बैठा और मोबाइल टेबल पर रखा तभी उसका एक मैसेज आ गया:- Hi Jaan Wish you a Happy New Year Sory आज कॉल नहीं कर पाई वहां की छुट्टी है कल पक्का करूंगी, प्लीज गुस्सा मत होना 'आई लव यू'।'' ये मैसेज पढ़कर मेरी सारी आशाएं टूट गई जो मैं कल से उसके लिए लगा कर बैठा था। क्या उसको बिल्कुल भी अहसास नहीं कि मुझ पर क्या बीत रही होगी। क्या उसकी फैमली ही उसके लिए सब कुछ है मैं कुछ नहीं। क्या मेरे प्यार की इतनी ही कीमत रह गई है उसके लिए। सिर्फ दो लाईन का मैसेज। क्या ये तड़प सिर्फ मुझ अकेले की है। क्या उसको कोई फर्क नहीं पड़ता। सच ये सब सोचकर आज मेरी आँखे भर आई। 'जान' हैप्पी न्यू ईयर'