Thursday, January 15, 2009

"पर उसका मैसेज नहीं आया"

कल मकर सक्रांति की छुट्टी थी पर घर पर मन नहीं लग रहा था। उसकी भी कल इंस्ट्टीयूट की छुट्टी थी। इस कारण बात होना भी मुश्किल था। पर कल उसका एक जगह इंटरव्यू था। ये उसने मुझे परसो ही बता दिया था। इंटरव्यू के कारण वो बहुत Tense थी मैंने उसका Resume बनाकर उसको send कर दिया था जिसका प्रिंट उसने कल दोपहर में निकलवा लिया था। उसका पहला इंटरव्यू था इस कारण वो काफी परेशान थी। मैंने उसे प्यार से समझाया कि जान इंटरव्यू ही तो है इसमें इतना घबराने की कौन सी बात है। तुम परेशान मत हो सब ठीक हो जाएगा। पर उसकी एक परेशानी और थी कल वो अपनी मम्मी की घड़ी पहनकर गई थी क्योंकि उसकी घड़ी खराब थी। और वो घड़ी उससे कहीं गुम हो गई। उसने मुझे फोन पर बताया कि जान मम्मी की घड़ी मुझसे गुम हो गई है। और घर जाकर मुझे बहुत डांट पड़ेगी। मैंने कहा कि घड़ी ही तो थी। गुम हो गई तो हो जाने दो इसमें तुम्हारी क्या गलती है। तुम परेशान मत हो और ठीक से इंटरव्यू के लिए जाओ।

इंटरव्यू के बाद मैंने उसे फिर से फोन किया। उसने मुझे बताया कि इंटरव्यू तो ठीक हो गया है। इसका रिजल्ट वो बाद में फोन से बताएंगे। मैंने कहा ठीक है चलो अब इंटरव्यू हो गया ना अब तो अच्छा लग रहा है ना। उसने कहा हां अब अच्छा लग रहा है पर मुझे घड़ी खाने का डर लग रहा है। घर पर आज डांट पड़ेगी। मैंने उसे फिर से समझाया कि तुम ज्यादा परेशान मत हो जो होगा ठीक होगा। तुम घर पहुंचकर मुझे मैसेज से बता देना की ठीकठाक पहुंच गई हो और जाकर खाना भी खा लेना। उसने कहा हां मैं घर पहुंच कर तुमको मैसेज कर दूंगी। पर मैं शाम तक वेट करता रहा उसका मैसेज नहीं आया। अब मेरी टेन्शन बढ़ गई वैसे भी आज कल उसको घर पर फोन करने से पहले 10 बार सोचना पड़ता है। फिर मैंने हिम्मत करके उसे फोन किया। दो बार बैल बजी पर किसी ने नहीं उठाया फिर मैंने तीसरी बार फोन किया तो उसने फोन उठाया अब मुझे गुस्सा भी बहुत आ रहा था। मैंने उससे पूछा कि कहां हो घर पहुंच गई क्या। उसने धीमी आवाज में कहा हां मैं घर पर हूं। इतना सुनते ही मैंने उससे कहा कि क्या एक मैसेज करके मुझे बता नहीं सकती थी। मैं कितना परेशान हो रहा था। और मैंने इतना कहकर फोन काट दिया।

बाद में उसका मैसेज आया कि जान मैं तुमको मैसेज करने ही वाली थी सिर्फ मौका ढूंढ रही थी। जब से घर आई हूं सबसे पहले मम्मी की डांट खाई घड़ी खाने के कारण और खाना भी अभी खाया है। Sorry मुझे माफ कर दो मैसेज टाईम पे नहीं कर पाई। पर मैंने उसे कोई रिप्लाई नहीं दिया। फिर दो मैसेज और आए Sorry बोलने के लिए। मैंने उनका भी कोई रिप्लाई नहीं दिया। फिर रात को 3 बजे भी उसका मैसेज आया। मैं तब भी जाग रहा था। पर मैंने तब भी उसको कोई रिप्लाई नहीं दिया। फिर सुबह 7.30 बजे भी उसका मैसेज आया। पर मैंने उसका भी कोई रिप्लाई नहीं दिया।

फिर 10.30 बजे मैंने उसे फोन किया। तब तक वो अपनी क्लास में पहुंच गई थी। और बाहर आकर उसने मुझसे बात की और कहा कि I am Sorry मैं तुमको टाईम से मैसेज नहीं कर पाई पर तुम मुझ पर इतना गुस्सा क्यों करते हो। मैंने उसे कहा कि मैंने सिर्फ ये कहने के लिए तुमको फोन किया था कि आगे से मुझे कोई मैसेज करने की कोई जरूरत नहीं है। क्योंकि तुमको तो कोई फर्क नहीं पड़ता किसी के परेशान होने या न होने से तो ठीक है अब आगे से दुबारा कोई मैसेज करने की भी कोई जरूरत नहीं है। अगर तुमको ये सब टेन्शन लगने लगा है तो आगे से कोई जरूरत नहीं है मुझे कोई मैसेज करने की।

उसने कहा कि मुझे फर्क पड़ता है। तभी तुमको कॉल और मैसेज करती हूं पर कल घर आने के बाद सबसे पहले मुझे बहुत डांट पड़ी मम्मी ने बहुत डांटा क्योंकि वो घड़ी उनको पापा ने शादी की Anniversary पर दी थी। उन्होंने कहा कि तुझे किसी की भी चीजों और फिलिंग्स की कोई परवाह नहीं। किसी की चीज की कोई व्ल्यू नहीं है। उसने रोते हुए कहा कि सब मुझे डांटते हैं एक तुम ही थे जिसको मैं समझती थी कि कोई मुझे समझे या ना समझे तुम तो जरूर समझते हो मेरी परेशानी को। मेरे घर में कितनी प्राब्लम्स हैं। सब CID की तरह मुझ पर नजर रखते हैं। और तुम हो की तुम भी मुझ पर हमेशा गुस्सा होते रहते हो। पहले खुद ही बोलते हो कि अगर तुमको कोई प्रोब्लम है तो मुझे बता दिया करो जब बता देती हूं तो भी गुस्सा करते हो। और ये सब कह कर उसने फिर से रोना शुरू कर दिया। अब मैंने उसे प्यार से कहा I am Sorry जान पर मैं क्या करूं मैं आजकल तुम्हारे लिए बहुत Tense रहता हूं। जब कल शाम तक भी तुम्हारा कोई मैसेज नहीं आया तो मैं परेशान हो गया। तुमको भी तो कम से कम एक मैसेज कर देना चाहिए था। उसने कहा हां मुझे पता है पर मैं क्या करूं सब CID की तरह मेरे आसपास घूमते रहते हैं। इसलिए मौका नहीं मिल पाया। और तुम भी मुझ पर गुस्सा करने लगते हो। मैंने कहा जान मुझे कभी-कभी ऐसा लगता है कि तुम मुझसे पीछा छुडाना चाहती हौ और इसलिए मुझे इग्नोर मार रही हो। उसने कहा मुझे तो लगता है कि तुम ही मुझसे पीछा छुडाना चाहते हो। मैंने कहा ऐसा नहीं है। बस इतनी ही बात हुई थी कि इतने में उसकी कर्जन भी आ गई और उसने कहा आईलवयू अब मेरी कर्जन आ गई है बाद में बात करते हैं। और मैंने फोन काट दिया।

हर खामोशी में एक बात होती है,
हर दिल में एक याद होती है,
आपको पता हो या न हो,
आपकी खुशी के लिए रोज फरियाद होती है।

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