पर इतने सब अच्छे साईन को देखकर दिल में फिर डर भी लगता है कि कहीं फिर से पहले की तरह मेरे ये हसीन सपने कांच की तरह टूट ना जाएं। दिल कहता है कि उस पर विश्वास करूं पर दिमाग उस पर विश्वास नहीं करने देता। दिल को उसकी सारी बातें सच्ची लगती हैं पर दिमाग उसकी हर बात को संदेह के घेरे में देखता है। दिल कहता है कि वो आज भी तुमसे सच्चा प्यार करती है पर दिमाग कहता है कि वो सिर्फ एक दिखावा कर रही है। अजीब कशमकश में हूं समझ नहीं आता किस की बात पर विश्वास करूं। दिल की या दिमाग की। ये भी सच है कि दिल के हाथों मैं बहुत बेबस हूं।
बहुत लोगों ने कहा ये सब बेकार के चक्कर हैं इनमें मत पड़ों बहुत पछताओंगे। पर ये दिल किसी की भी बात मानने को तैयार नहीं है। ये आज भी उसे दिलों जान से ज्यादा चाहता है। उससे दूर होने के डर से ही जान आधी हो जाती है। आज भी जब पुजा करता हूं तो भगवान से उसी को मांगता हूं। पता नहीं मेरा क्या होगा सब कुछ भगवान पर छोड़ दिया है अगर वो सच्ची है मेरा प्यार सच्चा है तो हम एक दिन जरूर एक-दूसरे के हो जाएंगे।
मुझे आंसू भरी हयात न दो,
गम के हाथों में मेरा हाथ न दो,
दो-चार कदम चलकर साथ छोड़ दो मेरा,
इससे बेहतर है कि तुम मेरा साथ ही न दो
1 comment:
आपकी दुआ कुबूल हो...आमीन!
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