Saturday, January 17, 2009

"क्या होगा मेरी मोहब्बत का अंजाम"

पता नहीं इसको खुशी कहूं या गम कुछ समझ नहीं आ रहा है। कल सुबह ही उससे बात की थी। और वो भी बहुत खुश थी। और उसने कहा था कि वो दोपहर को मुझसे बात करेगी। पर 2 बजे तक भी जब उसका फोन नहीं आया तो हमेशा की तरह मेरी बेचैनी फिर से बढ़ गई। मैंने उसके मोबाइल पर फोन किया। पर बैल बज कर कट गया। थोड़ी देर बाद उसका एक मैसेज आया उसमें उसने लिखा था- ''जान आज क्लास देर से खत्म हुई थी और उसके बाद कर्जन बाहर आकर बातें करने लगी इसलिए तुमको बता नहीं सकी अब घर आ गई हूं, तुम खाना खा लेना।'' मुझे मैसेज पढ़कर थोडा सुकून मिला।

फिर काफी देर तक उसका कोई रिप्लाई नहीं आया। मुझे फिर से टेन्शन होने लगी। मैंने फिर से उसे कॉल की पर उसका मोबाइल Not Reachable जा रहा था। काफी देर बाद मैंने फिर से कॉल की तो उसके बाद Switch Off हो गया। बहुत देर तक मैं ट्राई करता रहा पर मुझे कोई रिस्पाँस नहीं मिला। थोड़ी देर बाद फिर से उसका एक मैसेज आया- ''जान घर पर पता चल गया, पता नहीं कैसे प्लीज मेरा साथ देना''।

मैंने तुरंत उसे कॉल की उसने फोन पिक करते ही मुझे कहा कि जान घर में पता चल गया है। मुझे नहीं पता कि कैसे। तुम अभी कॉल मत करना। मैं बाद में बताउंगी। मुझे हमेशा से जिसका डर लगा रहता था। फिर से वो ही हो गया। तीन महीने पहले जैसी परिस्थिति थी फिर से वो ही नजर आने लगी। लगा कि अब इसको मैंने हमेशा के लिए खो दिया। जीने की इच्छा ही खत्म हो गई। मेरी सारी हिम्मत जवाब दे गई। कुछ नहीं सूझ रहा था कि क्या करूं। दूसरे रूम में जाकर चुपचाप अकेला कुर्सी पर बैठकर आंखे बंद करके पुरानी यादों में खो गया। वो सब खुशी के पल मेरे सामने आ गए जब वो मेरे साथ थी और मैं उसके।

शाम को उसका फिर से मैसेज आया उसने लिखा कि मेरा मोबाइल पापा ने भाई को दे दिया है और उसके भाई का मोबाइल मेरे पास है। और मैंने घर में बता दिया है कि वो मुझसे Sorry बोलने के लिए मुझे फोन कर रहा था। और आपसे भी माफी मांगना चाहता है। मैं उससे अभी भी प्यार करती हूं और वो भी मुझे प्यार करता है। और मैं उससे शादी करना चाहती हूं। उसे एक मौका और मिलना चाहिए। उसके पापा ने कहा कि ठीक है अगर तुम दोनो एक-दूसरे से प्यार करते हो तो हम उससे मिलना चाहते हैं। पर पहले तुम्हारा भाई उससे बात करेगा। मैंने उसे कॉल की और उसने मुझे बताया कि तुम सोमवार को मेरे नम्बर पर फोन करना और मेरे भाई से बात करना। उसके बाद पापा बात करेंगे। मैंने उससे कहा जान मैं तुम्हारे लिए तुम्हारी पूरी फैमली से माफी मांगने को तैयार हूं। पर तुम मुझसे कभी जुदा मत होना हमेशा मेरा साथ देना। तुम पीछे मत हटना। मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकता। उसने कहा मैं हमेशा तुम्हारा साथ दूंगी। मैंने कहा ठीक है फिर मैं सोमवार को तुम्हारे भाई से बात करूंगा। उसने कहा बेस्ट ऑफ लक। सोमवार को तुम्हारा फाइनल Exam है।

मुझे नहीं पता कि सोमवार को क्या होने वाला है। लकिन उसको हमेशा के लिए खो देने के ख्याल से ही दिल में दर्द होने लगता है। मुझे ये भी नहीं पता कि मैं उसके भाई से क्या बात करूंगा। कल की पूरी रात जागता रहा। यही सोचता रहा कि उसके भाई और पापा से क्या बात करूं की उनको भी मेरे प्यार का यकीन आ जाए। उनको भी विश्वास हो जाए कि उनकी बेटी ने किसी गलत व्यक्ति का चुनाव नहीं किया है। उनको यकीन आ जाए कि मैं हमेशा उसको खुश रखूंगा। अपनी जिंदगी से भी ज्यादा मैं उसको चाहता हूं। उनको कैसे समझाऊ की हम दोनो एक-दूसरे के बिना नहीं रह सकते जैसे की मछलियां पानी के बिना नहीं रह सकती उसी तरह हम भी एक-दूसरे के बिना नहीं रह सकते।

सब कुछ भगवान पर छोड़ दिया है। हो सकता है ये भी उनकी ही कोई माया हो। इतने दिन से सच्चे दिल से जो मैं उनकी पुजा अर्चना कर रहा हूं उनको शायद मुझ पर दया आ गई हो। और उन्होंने ही ये मार्ग बनाकर मुझे दिया हो। क्या पता वो मुझे हमेशा के लिए मिल जाए। और हमारी ये जुदाई समाप्त हो जाए। और मेरी भी तीन महीने की तपस्या का मुझे फल मिल जाए। सांई बाबा हम पर कृपा करें। अब या तो मेरे इस प्यार की पूरी जीत होगी या फिर पूरी हार।

हो सकता है सोमवार के बाद दुबारा कभी न लिख सकूं। आप सब से विनती है कि मेरे लिए भगवान से दुआ करें कि मेरा प्यार मुझे मिल जाए। और इस दर्दे दिल का दर्द हमेशा के लिए ठीक हो जाए।

3 comments:

दिगम्बर नासवा said...

हमारी दुआ आप के साथ है.............आमीन

mamta said...

भगवान से दुआ तो करेंगे की आपको आपका प्यार मिल जाए और आशा है कि आप सोमवार के बाद अच्छी ख़बर बताने के लिए फ़िर से लिखेंगे ।

Anonymous said...

aap apne taraf se puri koshish karna ke aapke premika ke gharwale ko unke har sawal ka achche se jawab mile, jo aapko soch samajhkar dena he, unke man me jo bhi sawal ho sab clear kar dena, ek maa baap apne beti ke liye jo var dhundte he to sabse pahle yahi dekhte he ki vah hamari beti ko jindgibhar khush rakh sakta he ya nahi. har moad par uska sath dega ki nahi, hr choti moti baat samjhega ki nahi, or yahi sab baate aapko unke samne rakhni he, pahle unki sune or or fir apne dil se puchakar jawab dena. ye aapke pyar ka imtihan he, to bilkul bhi darna mat, kahi atake to vapas explain karna you don't worry. god bless you dost, hum dua nahi yakin ke sath kah sakte he ki agar aap unke mummy papa ko vishwas dilate ho ke aap unke beti ko unse bhi jyada khush rakhenge, to aapke pyar ki jeet ko koi nahi rok sakta.