आज मैं बहुत खुश हूं। पर इस खुशी में एक डर भी छुपा है कि कहीं इन खुशियों को फिर से किसी की नजर न लग जाए। आज कल तो खुशियों से भी डर लगने लगा है। ऐसा लगता है जैसे खुशियां मेरे साथ आंख-मिचौली का खेल, खेल रहीं हैं। एक पल के लिए मेरा दामन खुशियां से भर देती हैं और दूसरे ही पल मुझसे सब कुछ छीन लेती हैं। कल जब उसका फोन आया तो उसने मुझे एक 'गुड न्यूज' दी की जान मेरा मोबाईल मिल गया है पर नम्बर अभी नहीं मिला है। मुझे भी सुनकर बहुत खुशी हुई पर मैंने उस खुशी को अपने दिल में दबा लिया उसके ऊपर जाहीर नहीं होने दिया। क्योंकि मैंने महसूस किया है कि जब-जब मैं इस खुशी को जाहीर करता हूं तब-तब खुशियां मुझसे रूठ जाती हैं।
आज सुबह 10.17 मिनट पर फिर उसका फोन आया। हमेशा की तरह उसने अपने उसी अंदाज में हंसते हुए मुझसे हाय कहा। पर आज उसकी उस हंसी में मुझे कुछ और खुशी छुपी हुई दिखाई दे रही थी। आज फिर उसने मुझे हंसते हुए कहा जान एक और 'गुड न्यूज' मैंने पूछा वो क्या उसने कहा की मुझे नया नम्बर भी मिल गया है। पर अभी वो एक्टिवेट नहीं हुआ है। मैंने उसको कांग्रच्यूलेट किया। फिर उससे पूछा कि कब लिया नम्बर उसने कहा कल ही लिया है। पर अभी एक्टीवेट नहीं हुआ है। फिर मैंने उसे कहा कि जान अब तुम जरा ध्यान से रखना। उसने कहा हां मुझे पता है। फिर उसने पूछा कि इतनी देर से बात कर रहे हो और अभी तक नम्बर भी नहीं पूछा। मैंने कहा हां मैं बस अब तुमसे वही पूछने वाला था। फिर उसने मुझे नम्बर बताया। मैंने उसे कहा कि जान ऐसा लग रहा है कि तुमसे कितने साल बाद नम्बर ले रहा हूं। उसने कहा हां मुझे भी ऐसा ही लग रहा है कि पता नहीं कितने साल बाद मुझे मोबाइल मिला है। और ये बात सच भी है मुझे ऐसा लगा जैसे मैं उससे आज पहली बार उसका फोन नम्बर मांग रहा हूं। मुझे वो पूराने दिन याद आ गए जब मैंने उससे पहली बार उसका फोन नम्बर मांगा था।
उसके बाद उसने मुझसे कहा जान आज एसटीडी से मेरा ये तुमको लास्ट कॉल है। मैंने कहा कि एसटीडी से ही है ना कहीं मुझको भी तो लास्ट कॉल नहीं है। उसने फिर गुस्से से कहा कि मेरी तरफ से तो कभी तुमको लास्ट कॉल नहीं होगा। तुम ही अगर बात करना बंद ना कर दो तो। मैंने कहा ऐसा कभी नहीं होगा। मैं कभी तुमसे बात करना बंद नहीं करूंगा। फिर उसने कहा कि तुम हमेशा उल्टी बातें मत किया करो। क्योंकि जब भी तुम कोई उल्टी बात करते हो तो वो सच हो जाती है। तुम ही ने एक बार मुझसे कभी बात न करने की बात कही थी तो देख लो आज कितने महीने हो गए हैं हमें बात किए हुए। फिर मैंने उसे कहा I am sorry जान पर मैं ये सब कोई दिल से नहीं कहता जब तक की तुम मुझे गुस्सा न दिलाओं। फिर उसने कहा चलो अब ये सब पुरानी बातें रहने दो अब तो तुम खुश हो ना। मैंने कहा हां मैं आज बहुत खुश हूं।
फिर मैंने उससे कहा जान मैं तुमको बहुत प्यार करता हूं। आई लव यू। उसने कहा जान मैं भी तुमको बहुत प्यार करती हूं। मैंने कहा जान मैं तुमको बता नहीं सकता कि ये तीन महीने मैंने कैसे निकाले हैं तुम्हारी याद में। अपने को इतना बिजी कर लिया है कि एक पल का भी टाईम नहीं देता अपने को। जैसे ही थोड़ा फ्री होता हूं तुम्हारी याद आने लगती है। उसने कहा क्या पहले मैं तुमको काम करने में डिस्ट्रब करती थी। मैंने कहा नहीं जान पहले तो मैं बहुत खुश रहता था। पर जबसे तुमसे दूर हुआ हूं। तुम्हारी बहुत याद आती है। उसने कहा जान मुझे भी तुम्हारी बहुत याद आती है।
आज उसने बताया कि उसने कल 'रब ने बना दी जोड़ी' फिल्म देखी। मैंने उससे पूछा कि कैसी लगी उसने कहा की जान अच्छी थी। और एक डायलोग भी सुनाया। शाहरूख खान का- ''हम हैं राही प्यार के, फिर मिलेंगे, चलते-चलते'' बस हम भी ये ही डायलोग लॉस्ट तक बालते रहे और हंसते रहे। फिर उसने कहा की जान शायद शाम तक नम्बर एक्टिव हो जाएगा। मैंने उससे पूछा कि जान कल बात करोगी उसने कहा हां ठीक है एसटीडी से करूंगी। मैंने कहा ठीक है। फिर उसने कहा कि जान तुम अपना ख्याल रखना। मैंने कहा हां ठीक है। तुम भी अपना ख्याल रखना। उसने कहा ठीक है। फिर दोनो ने एक दूसरे को किस किया और आईलवयू बोल कर फोन रख दिया। फोन रखने का मन नहीं कर रहा था। उसने भी कहा कि जान मेरा भी फोन काटने का मन नहीं कर रहा है पर रखना पड़ेगा। चलो अब कल बात करेंगे। मैंने उससे कहा ऐसे नहीं जान ''हम हैं राही प्यार के, फिर मिलेंगे, चलते-चलते''... और दोनो हंसने लगे और आई लव यू बोल कर फोन रख दिया।
Thursday, January 8, 2009
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