wah ji kya phalsafa heychitra bhi accha hey
बहुत खूब!
बहुत उम्दा कह कर निकल सकता सरलता के साथ.किन्तु चित्र कुछ विभत्स सा लगा, कविता की सुन्दरता और कोमलता खराब हो गई इससे.आप अपने से लगते हो, इसलिये यह साफगोई...आशा है अन्यथा न लेंगे.
शानदार मुक्तक । पर चित्र इसके अनुरूप नही है।
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4 comments:
wah ji kya phalsafa hey
chitra bhi accha hey
बहुत खूब!
बहुत उम्दा कह कर निकल सकता सरलता के साथ.
किन्तु चित्र कुछ विभत्स सा लगा, कविता की सुन्दरता और कोमलता खराब हो गई इससे.
आप अपने से लगते हो, इसलिये यह साफगोई...आशा है अन्यथा न लेंगे.
शानदार मुक्तक । पर चित्र इसके अनुरूप नही है।
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